भारत की भीड़भाड़ वाली सड़कें
लोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉमटॉम इंडेक्स की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे और बेंगलुरू की सड़कें दुनिया की 10 सबसे भीड़भाड़ वाली सड़कों में शामिल हैं.
बेंगलुरू
साल 2023 में बेंगलुरू की सड़कों पर चलने वाले लोगों ने 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए 28 मिनट और 10 सेकंड्स खर्च किए. इस हिसाब से बेंगलुरू ने पिछले साल दुनिया की 10 सबसे भीड़भाड़ वाली सड़कों की रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया.
पुणे
पुणे इस रैंकिंग में सातवें स्थान पर है. इस शहर में लोगों ने 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए 27 मिनट और 50 सेकंड्स लगाए.
दिल्ली
इस इंडेक्स के मुताबिक दिल्ली में 10 किलोमीटर का सफर करने के लिए 21 मिनट और 40 सेकंड्स लगेंगे. दिल्ली की रैंकिंग 44 है.
मुंबई
मुंबई में अगर कोई 10 किलोमीटर सफर करता है तो उसे सड़क पर इसे तय करने के लिए 20 मिनट और 20 सेकंड्स लगाने होंगे. वह इस रैंकिंग में 54वें स्थान पर है.
सबसे भीड़भाड़ वाली सड़क
सबसे भीड़भाड़ वाली सड़कों की रैंकिंग में लंदन ने पहला स्थान पाया है. यहां 10 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए 37 मिनट 20 सेकंड्स लगेंगे.
आठ मिनट में 10 किमी का सफर
इस रैंकिंग में अमेरिका के शहर ओक्लाहोमा ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. वहां लोगों को सड़क पर 10 किलोमीटर के सफर के लिए सिर्फ 8 मिनट 40 सेकंड्स बिताने पड़ते हैं.
क्यों होती है रैंकिंग
टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स का कहना है कि वह अपनी रैंकिंग में 55 देशों के 387 शहरों को शामिल कर दुनिया भर के शहरों का उनके औसत यात्रा समय, ईंधन लागत और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के आधार पर मूल्यांकन करता है.
समय की बर्बादी और कार्बन उत्सर्जन
टॉमटॉम रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में सड़क पर यात्रा करने वालों ने व्यस्त समय में औसतन 256 घंटे गाड़ी चलाने में लगाए, 128 घंटे ट्रैफिक की वजह से बर्बाद हुए, इस दौरान 1,007 किलो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ.
खराब हो रही सड़कों की हालत
पिछले कुछ सालों में शहरों में ट्रैफिक की स्थिति खराब हुई है, जिसका कारण विकास कार्य और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैफिक को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.