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फ्रांस के बाद अमेरिका का सैन्य जहाज भी ताइवान खाड़ी में

१७ अप्रैल २०२३

अमेरिकी नौसेना का एक युद्धक पोत ताइवान की खाड़ी से गुजरा है. चीन द्वारा इस इलाके में पिछले हफ्ते किए गए आक्रामक सैन्य अभ्यास के बाद पहली बार अमेरिकी पोत ने इस रास्ते को चुना है.

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ताइवान खाड़ी में चीन का सैन्य अभ्यास
ताइवान खाड़ी में चीन का सैन्य अभ्यासतस्वीर: An Ni/Xinhua/AP/picture alliance

अमेरिकी नौसेना ने कहा कि रविवार को यूएसएस मिलियस का ताइवान से गुजरना एक नियमित दौरा था. एक बयान में अमेरिका ने कहा कि मिलियस की यह यात्रा ताइवान की खाड़ी में वहां से हुई, जो किसी भी तटीय देश के नियंत्रण में नहीं है.

पिछले हफ्ते ही चीन ने ताइवान के चारों और समुद्र में हवाई और नौसैनिक अभ्यास किया था. इसे ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैक्कार्थी से हुई मुलाकात की प्रतिक्रिया माना गया था. दोनों नेताओं की 5 अप्रैल को कैलिफॉर्निया में मुलाकात हुई थी. चीन ने बुधवार को कहा था कि यह अभ्यास ताइवान के आजादी समर्थक नेताओं को एक "गंभीर चेतावनी” है.

अमेरिकी युद्धक पोत के ताइवान खाड़ी से गुजरने पर भी चीन ने आपत्ति जताई है. चीनी सेना के प्रवक्ता शी यीलू ने कहा कि यह बखेड़ा खड़ा करने का तरीका है और उसकी ईस्टर्न थिएटर कमांड "अपने देश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता की रक्षा” के लिए हरदम तैयार है.

फ्रांस ने भी जताया समर्थन

हाल के सालों में चीन ने ताइवान के इर्द गिर्द अपनी गतिविधियां आक्रामक रूप से बढ़ा दी हैं. उसके जहाज और लड़ाकू विमान लगभग रोज इलाके में गश्त लगा रहे हैं. पूर्व अमेरिकी सदन प्रमुख नैंसी पेलोसी की अगस्त में ताइवान यात्रा के बाद से इन गतिविधियों में और ज्यादा तेजी आई है.

माक्रों की टिप्पणी से असहज यूरोप

इस बीच सोमवार को फ्रांस के सांसद एरिक बोदरेल ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचे. उन्होंने वहां कहा कि दुनिया इस पूरी स्थिति को देख रही है. उन्होंने कहा, "हम ताइवान से कहना चाहते हैं कि अगर उसे कुछ हुआ तो दुनिया बदल जाएगी. यही कारण है कि फ्रांस का एक सैन्य जहाज पिछले हफ्ते चीन सागर पहुंचा था. हम मानते हैं कि इलाके में यात्राओं और आने-जाने की आजादी की सुरक्षा होनी चाहिए.”

ताइवान की सेना ने भी इस बात की पुष्टि की है कि फ्रांसीसी नौसेना का जहाज पिछले हफ्ते ताइवान की खाड़ी से गुजरा था. हालांकि इस पर चीन की तरफ से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई थी.

चीन ने की अमेरिका पर कार्रवाई

इससे पहले चीन ने त्साई की अमेरिका यात्रा में शामिल रहे संगठनों पर अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें रोनल्ड रीगन प्रेजिडेंशल लाइब्रेरी भी शामिल है, जहां मैक्कार्थी और अन्य नेताओं की त्साई से मुलाकात हुई थी. उसने टेक्सस से अमेरिकी सांसद मिशेल मैकॉल के ताइवान की यात्रा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो विदेश मामलों की समिति की अध्यक्ष हैं.

रविवार को चीन ने अंतरिक्ष में एक उपग्रह छोड़ा, जिसके रॉकेट मलबा ताइपेई के पास समुद्र में गिरा. हालांकि इस उपग्रह का कोई सैन्य इस्तेमाल नहीं है लेकिन इसकी वजह से विमानों की आवाजाही प्रभावित हुई और कई उड़ानों में देरी हुई.

शक्ति संतुलन की जरूरत

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा है कि एशिया में इस वक्त जो रस्साकशी चल रही है, वह सिर्फ अमेरिका और चीन के बीच की प्रतिद्वन्द्विता नहीं है बल्कि इससे तय होगा कि भविष्य में दुनिया कैसे काम करेगी.

राष्ट्रीय प्रेस क्लब में दिए जाने वाले एक भाषण के मसौदे के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि एशिया में रणनीतिक संतुलन बना रहे और कोई देश किसी दूसरे देश पर हावी ना हो.

वॉन्ग के भाषण के मुताबिक, "हमें यह बात समझने की जरूरत है कि मुकाबला किस चीज के लिए हो रहा है. यह सिर्फ शक्ति प्रदर्शन से ज्यादा बड़ी बात है और असल में मुकाबला इस बात का है कि हमारा क्षेत्र और दुनिया किस तरह काम करेगी.”

हालांकि वॉन्ग ने अपने भाषण में चीन का नाम नहीं लिया है लेकिन मीडिया को जारी उनके भाषण के मसौदे में कहा गया कि कोई देश किसी ऐसे क्षेत्र में नहीं रहना चाहता, जहां एक देश दूसरे से बड़ा हो और जहां "किसी एक महाशक्ति द्वारा अपने हितों के मुताबिक नियम बनाए जाएं.”

 

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)