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आपदाभारत

वायनाड में बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही

३० जुलाई २०२४

केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद तीन स्थानों पर भूस्खलन की वजह से कम से कम 50 लोगों की जान चली गई है. सैकड़ों लोग लापता हैं और मरने वालों की संख्या के बढ़ने की आशंका है.

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एनडीआरएफ द्वारा जारी की गई जहां भूस्खलन हुआ वहां बीच में फंसी एक एसयूवी गाड़ी की तस्वीर
वायनाड में भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका हैतस्वीर: National Disaster Response Force/AFP/Getty Images

वायनाड में तीन जगहों पर भूस्खलन रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच हुआ. भूस्खलन की वजह से कई घर, दुकानें और गाड़ियां मलबे के ढेर में दब गए. कई लोग इस इलाके से गुजरने वाली चलियार नदी में बह गए. वायनाड से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई गांव अलग थलग हो चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग लापता हैं.

आपदा एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं, लेकिन पहाड़ी इलाका होने की वजह से और लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है.

राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ), केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कन्नूर डिफेंस सुरक्षा कोर जैसी एजेंसियां राहत और बचाव कार्य करने की कोशिश कर रही हैं. राज्य सरकार ने कहा है कि सेना और वायुसेना से भी मदद मांगी गई है.

वायनाड में भूस्खलन के बाद एक शव ले जाते राहतकर्मी
वायनाड में मलबे से पटे कई इलाकेतस्वीर: Stringer/REUTERS

मुंडाक्कई इलाके को आस पड़ोस के इलाकों से जोड़ने वाला एकलौता पुल भी टूट गया है, जिसकी वजह से भी राहत कार्य में बाधा आ रही है. मुंडाक्कई की ही एक निवासी मीनाथ ने वेबसाइट को बताया कि वहां एक मदरसे के पास स्थित एक पहाड़ी पर करीब 150 लोग फंसे हुए हैं.

राहत कार्य के बीच केंद्र सरकार ने प्रभावित परिवारों की आर्थिक मदद की भी घोषणा की है. मृतकों के परिवार के निकटतम सदस्य को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की गई है. केरल में सन 2018 में भीषण बाढ़ और भूस्खलन की आपदाएं हुईं थी. तब करीब 500 लोगों की मौत हुई.

खतरे का संकेत है केरल में बाढ़ की तबाही

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने एक्स पर बताया कि राज्य सरकार के पांच मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वायनाड की स्थिति पर नजर रखने और राहत कार्य का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है.

संसद के मानसून सत्र में सांसदों ने भी वायनाड की स्थिति पर चिंता जताई है. सीपीआई के सांसद संतोष कुमार ने लोक सभा में कहा है कि मरने वालों की संख्या 50 पर पहुंच गई है. केरला कांग्रेस (मणि) के सांसद जोसफ मणि ने बताया कि भूस्खलन से 500 परिवार प्रभावित हुए हैं.

वायनाड के कई इलाकों से संपर्क कटा

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मुंडाक्कई में खराब मौसम की वजह से वायु सेना के हेलीकॉप्टर उतर नहीं पाए. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय इस इलाके में राहत कार्य में कितनी दिक्कत आ रही है.

दन्यूजमिनट वेबसाइट के मुताबिक भूस्खलन से बचने के लिए हैरीसंस मलयालम चाय बागान में करीब 700 लोगों ने शरण ली थी. वो लोग अभी भी वहीं फंसे हुए हैं.

वायनाड में एनडीआरएफ की टीम
वायनाड में कुछ जगहों पर रास्ते भी बहेतस्वीर: National Disaster Response Force/AFP/Getty Images

वायनाड के जिला पंचायत अध्यक्ष शमशाद मरक्कार ने दन्यूजमिनट को बताया कि मुंडाक्कई में एक अस्पताल भी पूरी तरह से बह गया है और वहां अभी तक कोई भी बचाव और राहत टीम नहीं पहुंच पाई है.

उन्होंने बताया कि ये लोग आधी रात करीब 1.45 बजे पहले भूस्खलन की आवाज सुना कर अपने घरों से भाग कर पहाड़ी पर चले गए थे. फंसे हुए लोगों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं. मीनाथ ने बताया कि कम से कम 50 मकानों को नुकसान पहुंचा है.

सीके/ओएसजे (एपी, एएफपी)