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मीडियाब्रिटेन

रिहा हुए विकीलीक्स संस्थापक जूलियन असांज

२५ जून २०२४

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को ब्रिटेन में जेल से रिहा कर दिया गया है. अमेरिका के साथ एक समझौते के तहत यह रिहाई संभव हुई है.

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7 फरवरी 2011 को लंदन की एक अदालत के बाहर जूलियन असांज
विकीलीक्स संस्थापक जूलियन असांजतस्वीर: Kirsty Wigglesworth/AP Photo/picture alliance

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को ब्रिटेन में जेल से रिहा कर दिया गया है, जिसके फौरन बाद वह वहां से रवाना हो गए. यह रिहाई इस शर्त पर हुई है कि असांज अपना अपराध कबूल करेंगे और ऑस्ट्रेलिया लौट जाएंगे.

अमेरिका के न्याय विभाग के साथ हुए एक समझौते में यह शर्त रखी गई थी. सोमवार को इस समझौते से जुड़े दस्तावेज ब्रिटिश अदालत में जमा करा दिए गए जिसके बाद असांज को रिहा कर दिया गया. इस समझौते के तहत जूलियन असांज अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज हासिल करने की साजिश रचने और उन्हें सार्वजनिक करने का अपराध कबूल करेंगे. सोमवार शाम को यह समझौता हुआ. हालांकि अभी इसे अमेरिकी अदालत की मंजूरी नहीं मिली है.

असांज को ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले साइपान द्वीप पर रुक कर अदालत की कार्रवाई में शामिल होना होगा. यह सुनवाई बुधवार को होगी.

सालों तक जेल में

असांज पर इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के अभियानों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज चुराने और उन्हें सार्वजनिक करने का आरोप था. इस मामले में अमेरिकी व्हिसलब्लोअर चेल्सी मैनिंग भी आरोपी थे और उन्हें 2013 में 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.

असांज के समर्थकों का कहना है कि वह एक पत्रकार हैं और दस्तावेजों को सार्वजनिक कर उन्होंने अपना काम किया है.

असांज को ब्रिटिश पुलिस ने 2019 में इक्वाडोर के लंदन स्थित दूतावास से गिरफ्तार किया था, जहां वह गिरफ्तारी से बचने के लिए सात साल से छिपे हुए थे. इक्वाडोर ने असांज की शरण को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी संभव हुई थी.

ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांज सोमवार को जमानत मिलने के बाद लंदन की बेलमार्श जेल से रिहा हुए. इसके बाद विकीलीक्स ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "जूलियन असांज आजाद हैं. बेलमार्श की अत्यधिक सुरक्षा वाली जेल में 1901 दिन गुजारने के बाद वह 24 जून की सुबह बाहर निकले. उन्हें लंदन में हाई कोर्ट ने जमानत दी और उन्हें दोपहर बाद स्टैन्स्टेड एयरपोर्ट पर रिहा किया गया. जहां से उन्होंने विमान में सवार होकर ब्रिटेन छोड़ दिया.”

इस संदेश के बाद एक वीडियो भी पोस्ट किया गया जिसमें असांज को एयरपोर्ट ले जाते और एक विमान में सवार होते देखा जा सकता है. विकीलीक्स ने अपने बयान में कहा, "यह (रिहाई) उस वैश्विक अभियान का नतीजा है जिसमें जमीनी कार्यकर्ताओं, मीडिया की आजादी के लिए काम करने वालों, वकीलों और संयुक्त राष्ट्र तक में मौजूद लोगों से लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तक शामिल थे.”

परिवार ने जताया संतोष

अपने बेटे की रिहाई पर असांज के माता-पिता ने भी राहत की सांस ली है. उनकी मां क्रिस्टीन असांज ने ऑस्ट्रेलियाई समाचार संस्थान एबीसी से बातचीत में कहा कि उन्हें संतोष है कि जूलियन असांज की मुश्किलें खत्म हुईं.

क्रिस्टीन असांज ने कहा, "शुक्र है कि मेरे बेटे की मुश्किलें आखिरकार खत्म हुईं. यह गुपचुप होने वाली कूटनीति की ताकत और अहमियत को दिखाता है. बहुत से लोगों ने मेरे बेटे के हालात को अपने निजी एजेंडा के लिए इस्तेमाल किया है. इसलिए मैं उन अनदेखे, मेहनती लोगों की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने जूलियन की भलाई को प्राथमिकता दी.”

क्रिस्टीन असांज ने कहा कि एक मां के तौर पर बीते 14 साल उनके लिए बेहद कठिन रहे हैं और वह चाहती हैं कि लोग अब उनकी निजता का सम्मान करें.

जूलियन असांज के पिता जॉन शिपटन ने कहा कि उनके बेटे ने "अपने जीवन के 15 सबसे उत्पादक साल किसी ना किसी तरह की यातना झेलते हुए बिताए हैं.”

एबीसी टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि जूलियन अब अपनी पत्नी स्टेला और परिवार के साथ एक सामान्य जीवन बिता पाएगा. ऐसा लगता है कि जूलियन अब ऑस्ट्रेलिया आने के लिए स्वतंत्र होगा. ऑस्ट्रेलिया में उनके समर्थकों को मेरी बधाई और धन्यवाद, जिनकी वजह से यह संभव हो पाया. और बेशक, (ऑस्ट्रेलिया के) प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी को भी.”

19 जून को रिकॉर्ड किए गए और मंगलवार को प्रसारित एक वीडियो संदेश में जूलियन असांज की पत्नी स्टेला असांज ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उनके जीवन का यह अध्याय अब खत्म हो गया है.

उन्होंने कहा, "मुझे भरोसा है कि अगले हफ्ते इस वक्त तक वह रिहा हो जाएंगे. चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं और हमारे लिए अगले कुछ घंटों या दिनों की योजना बनाना मुश्किल है. अगर सब ठीक रहा तो जूलियन विमान पर आजादी की ओर सवार हो जाएंगे. हमें अब भी आपकी मदद की जरूरत है क्योंकि जूलियन की आजादी अब एक नया अध्याय होगी.”

रिपोर्टः विवेक कुमार (एएफपी, डीपीए)

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