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आस्थाभारत

देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर प्रोफेसर निलंबित

समीरात्मज मिश्र
७ अप्रैल २०२२

मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने कक्षा में पढ़ाई के दौरान पौराणिक कथाओं में ‘बलात्कार' से संबंधित उदाहरण देकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई.

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हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता माने जाते हैं
हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता माने जाते हैं तस्वीर: Subrata Goswami/DW

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबद्ध जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिन्दू देवी-देवताओं के कथित अपमान के आरोप में निलंबित कर दिया है. मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने कक्षा में पढ़ाई के दौरान पौराणिक कथाओं में ‘बलात्कार' से संबंधित उदाहरण देकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई.

विश्वविद्यालय ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का भी गठन किया है. हालांकि डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने बुधवार को कुलपति को पत्र लिखकर बिना शर्त यह कहते हुए माफी मांग ली थी कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. निलंबन से पहले विश्वविद्यालय ने डॉक्टर जितेंद्र कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

डॉक्टर जितेंद्र कुमार मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और बताया जा रहा है कि गत 5 अप्रैल को वो सेक्सुअल ऑफेंस विषय पर लेक्चर दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने बलात्कार के तमाम पौराणिक संदर्भों पर एक स्लाइड शो पेश किया जिसमें उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी की.

छात्रों का आरोप है कि डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने इस दौरान भगवान ब्रह्मा की अपनी पुत्री के साथ संबंधों की बात की, साथ ही इंद्र और भगवान विष्णु के चरित्र पर भी सवाल उठाए. इंद्र देवता द्वारा गौतम ऋषि को धोखा देने और उनकी पत्नी से संबंध बनाने जैसे पौराणिक संदर्भों का जिक्र किया. इन सारे संदर्भों को जब उन्होंने बलात्कार से जोड़कर पेश किया तो छात्रों ने कक्षा में ही हंगामा करना शुरू कर दिया.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीतस्वीर: Murali Krishnan/DW

कक्षा की ही एक छात्रा ने इस संबंध में ट्वीट करके प्रोजेक्टर का स्क्रीन शॉट फोटो भी शेयर कर दिया जिसके बाद यह स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया में वायरल हो गया. छात्रों ने उनके इस स्लाइड शो की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की. विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैकल्टी ऑफ मेडिसीन के डीन प्रोफेसर राकेश भार्गव की अनुशंसा पर दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया. लेकिन मामले को तूल पकड़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो डॉक्टर जितेंद्र कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया और फिर उन्हें निलंबित कर दिया. हालांकि इस दौरान डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने बिना शर्त माफी भी मांग ली थी, लेकिन इसके बावजूद वो निलंबन से नहीं बच पाए.

इस मामले में हमने डॉक्टर जितेंद्र कुमार से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. हालांकि डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने गुरुवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस का जवाब भी भेज दिया है. डॉक्टर जितेंद्र ने अपने पत्र में लिखा है कि उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था बल्कि वो सिर्फ इस बात को रेखांकित करना चाहते थे कि बलात्कार समाज का काफी समय से हिस्सा रहा है. डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने इसे ‘अनजाने में हुए एक गलती' मानते हुए कहा है कि ऐसी चूक उनसे दोबारा नहीं होगी.

इस मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और बीजेपी नेता डॉक्टर निशित शर्मा की तहरीर पर डॉक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. डॉक्टर निशित शर्मा का कहना है कि ऐसे विषय पाठ्यक्रम में पढ़ाए ही नहीं जाने चाहिए. डीडब्ल्यू से बातचीत में डॉक्टर निशित शर्मा कहते हैं, "कॉलेज में बलात्कार को लेकर एक विषय पढ़ाया जा रहा था जिसमें पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में बलात्कार के ऐतिहासिक स्वरूप को बताते हुए जो उदाहरण दिए गए वो हिंदू भावनाओं और आस्थाओं को आहत करने वाले थे. पढ़ाने वाले प्रोफेसर जितेंद्र कुमार ने भगवान विष्णु, इंद्र, ब्रह्मा को लेकर अशोभनीय टिप्पणी की. इस मामले में चेयरमैन के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि पाठ्यक्रम चेयरमैन ही निर्धारित करते हैं. ऐसे पाठ्यक्रमों को क्यों पढ़ाया जाता है.”

वहीं इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और यदि डॉक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ कोई मामला बनता है तो कार्रवाई की जाएगी. एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया, "विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रथमदृष्टया मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर जितेंद्र कुमार को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया है. उन्हें पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है और उसके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

सवाल यह भी उठ रहे हैं कि डॉक्टर जितेंद्र कुमार मेडिसिन विभाग में प्राध्यापक हैं और वहां पौराणिक घटनाओं की बात कहां से आ गई. स्थानीय पत्रकार प्रणव अग्रवाल बताते हैं, "डॉक्टर जितेंद्र अग्रवाल एमबीबीएस की क्लास में अपना ही विषय पढ़ा रहे थे. ये उदाहरण उन्होंने बलात्कार की चर्चा के दौरान दिए जिस पर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताई और फिर सोशल मीडिया पर उसके स्क्रीन शॉट्स भी वायरल हो गए.”

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में डॉक्टर जितेंद्र के खिलाफ निलंबन तक की कार्रवाई भले ही कर दी हो लेकिन विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों का कहना है कि पढ़ाने के दौरान किसी को क्या पढ़ाना है, क्या उदाहरण देना है, इसे लेकर लिखित या मौखिक कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए जाते, बल्कि ये पढ़ाने वाले पर ही निर्भर करता है कि वो क्या पढ़ा रहा है और कैसे उदाहरण दे रहा है.

डीडब्ल्यू से बातचीत में एएमयू में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर पंकज पाराशर कहते हैं, "एएमयू में किस अध्यालपक को कैसे पढ़ाना है, किस तरह के उदाहरण देने हैं, यह कोई बताता नहीं है. यह टीचर के विवेक और उसकी विद्वता पर निर्भर है कि वह अपने विषय को कितना बेहतर ढंग से समझा पाता है.”