1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

कोरोना, लॉकडाउन और प्यार की तलाश

१२ फ़रवरी २०२१

डेटिंग ऐप्स लॉकडाउन में फलफूल रहे हैं...अब सिर्फ किसी से जुड़ने के लिए नहीं बल्कि हल्की फुल्की बातचीत के लिए भी इनका इस्तेमाल हो रहा है. इस दौर में कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोग अकेलेपन के शिकार हो रहे हैं.

https://p.dw.com/p/3pGtU
तस्वीर: Colourbox

18 साल के रोड्रिगो ने कभी डेटिंग ऐप पर जाने के बारे में सोचा नहीं था लेकिन लॉकडाउन के उदास महीनों ने उन्हें डेटिंग ऐप पर जाने को मजबूर कर दिया. रोड्रिगो कहते हैं, "शुरूआत में हम लोगों ने अपने आप से कहा कि संकट पार हो जाएगा, हमें थोड़ा धीरज रखना होगा. लेकिन जब अस्थायी स्थायी हो जाता है, तो आपको नई चीजों की कोशिश करनी होगी."

वे आगे कहते हैं कि स्कूल ऑनलाइन हो गया है और दोस्तों के साथ बाहर जाने का विकल्प बहुत सीमित है. वे कहते हैं, "मुझे यह अहसास हुआ कि मैं अपना पूरा जीवन अपने माता-पिता के साथ बिता रहा हूं." रोड्रिगो अब हर दिन डेटिंग ऐप पर जाते हैं. किसी के साथ रिश्ते बनाने के रोमांच के अलावा अब डेटिंग ऐप हैंग आउट के लिए स्थान बन गया है. 

ऐप पर उनके सह उम्र के चार दोस्त हैं और वे रोजाना चैटिंग करते हैं. वे कहते हैं, "महामारी के तनाव और हताशा से राहत" का यह एक तरीका है. रोड्रिगो लंबी सांस लेने के बाद कहते हैं, "अब हमारे पास यही बचा है." खासतौर पर पुर्तगाल में पिछले महीने दोबारा लॉकडाउन लग गया.

मैच, वह समूह जिसमें टिंडर, हिंज, मीटिक जैसे डेटिंग ऐप शामिल हैं, का कहना है कि उसने 2020 की आखिरी तिमाही में 10 लाख से ज्यादा यूजर जोड़े. फ्रांस के 19 साल के छात्र सेबास्टियन कहते हैं, "यह घिसा-पिटा लगता है लेकिन इसने मुझे डूबने से बचाए रखा. जब हम कॉलेज, बार और रेस्तरां नहीं जा सकते हैं तो पूरा दिन खुद से ही बिताते हैं. यह डरावना है."

डेटिंग ऐप पर पहले टेक्स्ट मैसेज भेजे जाते हैं और उसके बाद वीडियो चैट होते हैं. कोरोना महामारी के दौरान डेटिंग ऐप्स पर वीडियो चैटिंग सुविधा पर बहुत जोर दिया गया है. स्पेन की रहने वाली 31 साल की एना ने 24 घंटे के भीतर टिंडर पर अपना साथी ढूंढ लिया. उसके बाद से ही दोनों कपल हैं.

एना कहती हैं, "2020 के आखिरी दिनों में मैंने खुद को समझाया कि कुछ दिनों के लिए कोशिश करके देखते हैं. मैंने यह कहते हुए इसका इस्तेमाल किया कि कि अगर बातचीत से मुझे असहज महसूस होती है या मेरे लायक कोई नहीं मिलता है तो मैं यह छोड़ दूंगी."

दुनिया के दूसरी ओर टोक्यो में 32 साल की एंब्रोएजी अब तक खुशकिस्मत नहीं बन पाई हैं. वे बाहर जाकर लोगों से मिलने का खतरा नहीं उठाना चाहती हैं. वे कहती हैं, "मुझे वास्तव में ऑनलाइन प्यार पाने की उम्मीद नहीं है. लेकिन असल जीवन में तो बिल्कुल नहीं है." वे कहती हैं जब वे घर से बाहर जाती हैं तो मास्क लगाती हैं और बिना मेकअप के ही जाती हैं.

एए/सीके (एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें