मोटरस्पोर्ट: महिलाओं की जगह एआई महिला के इस्तेमाल का विरोध
११ जनवरी २०२४बिजली से चलने वाली गाड़ियों की मोटरस्पोर्ट प्रतियोगिता फार्मूला ई में भारतीय कंपनी महिंद्रा की भी एक टीम है. टीम ने हाल ही में प्रतियोगिता में अपनी गतिविधियों का प्रचार करने के लिए एआई से बनाई गई एक महिला इंफ्लुएंसर को लॉन्च किया.
महिंद्रा ने बताया कि 'अवा' ड्राइवरों के साथ बात करेगी और टीम की तरक्की पर "एक नई रोशनी डालेगी". अवा इंस्टाग्राम पर @avabeyondreality हैंडल से पोस्ट करेगी. महिंद्रा के हेड ऑफ पार्टनरशिप्स रोएन क्रूस ने बताया, "जैसे जैसे सस्टेनेबिलिटी को लेकर चर्चा बढ़ेगी, हमारा मानना है कि लोगों तक पहुंचने के नए और इनोवेटिव तरीके खोजना जरूरी है."
कहां हैं खेल में महिलाएं
उन्होंने यह भी कहा कि एक प्रोफेशनल रेसिंग टीम होने के नाते हमारी अपनी पहुंच से आगे भी हमारा संदेश पहुंचाने की जरूरत है. क्रूस ने आगे कहा, "अवा एक ऐसी इंफ्लुएंसर है जो हमारे साथ मजबूती से जुड़ी हुई है और हमारे सफर को तो डॉक्यूमेंट करेगी ही, साथ ही एक संगठन के रूप में हमारे केंद्रीय मूल्यों को आगे बढ़ाने में भी मदद करेगी. हम इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत उत्साहित हैं."
लेकिन महिंद्रा की इस घोषणा का असर कंपनी की उम्मीदों के उलट हुआ. इंस्टाग्राम पर तुरंत मिली प्रतिक्रिया में से ज्यादातर तीखी टिप्पणियां थीं. एक यूजर ने कहा, "मोटरस्पोर्ट कंपनियां/टीमें असली महिलाओं को नौकरी पर रखने के सिवा कुछ भी करेंगी."
एक और टिप्पणी थी, "असली दुनिया में इतनी सारी प्रतिभावान महिलाएं हैं जो मोटरस्पोर्ट ही जीती और सांस लेती हैं...लेकिन फिर भी हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम एआई की प्रशंसा करें." एक और यूजर ने पूछा, "उसका बायो कहता है "समावेश में ईंधन" डालना. वह शाब्दिक तौर पर भी असली नहीं है. यह किसी भी तरह से समावेशी कैसे है?"
छोटे छोटे कदम
यूजर ने आगे लिखा, "महिलाओं को यह कहना कि एक असली महिला को नौकरी पर रखने की जगह आप उनका एक नकली रूप बनाना बेहतर समझेंगे, यह किस तरह से समावेशिता है?" जब ब्राजील के एबीटी कुप्रा फॉर्मूला ई ड्राइवर लूकास दी ग्रासी ने इसे "कूल" बताने की कोशिश की, तब लोगों ने उन्हें यह कर चुप करा दिया कि वह दीवार पर लिखी लिखाई को पढ़ने की कोशिश करें.
इस समय फार्मूला ई की स्टार्टिंग ग्रिड में कोई महिला रेस ड्राइवर नहीं है, हालांकि स्विट्जरलैंड की सिमोना द सिल्वेस्त्रो 2016 में अंक स्कोर करने वाली पहली महिला बनीं. कुछ और अहम भूमिकाओं में भी महिलाएं हैं. सीरीज में 12 से 18 साल की लड़कियों के लिए एक 'गर्ल्स ऑन ट्रैक' कार्यक्रम है.
इसके तहत लड़कियों को काम का तजुर्बा दिया जाता है, उनके लिए वर्कशॉप आयोजित कराए जाते हैं और मोटरस्पोर्ट में महिलाओं का समावेश चिन्हांकित करने के लिए हर रेस के बाद एक प्रतिभागी को पोडियम पर खड़ा किया जाता है. लेकिन फार्मूला वन में 1976 से आज तक किसी भी महिला ड्राइवर ने रेस शुरू नहीं की है. इस वीकेंड मेक्सिको सिटी में फॉर्मूला ई का 10वां सीजन शुरू होगा.
सीके/एए (रॉयटर्स)