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'7.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था'

२ दिसम्बर २०११

भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल भी 7.5 प्रतिशत से बढ़ेगी. देश के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, आर्थिक संकट और पिछली तिमाही के बुरे प्रदर्शन के बावजूद यह एक बड़ी संभावना है.लेकिन विशेषज्ञ इसे प्रणब का ख्वाब कह रहे हैं.

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फायदा होगा या नुकसान?तस्वीर: AP

साल की दूसरी तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत के दर से विकास हुआ. इस हफ्ते प्रकाशित किए गए आंकड़ों के अनुसार ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारी गिरावट का बुरा असर भारत पर भी पड़ा है.

लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का मानना है, "पिछले दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को देखा जाए तो हम मान कर चल सकते हैं कि मार्च 2012 तक 7.5 प्रतिशत से अर्थव्यवस्था बढ़ेगी." हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप कान्फ्रेंस में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत अपने विकास के जरिए सारे नुकसानों की भरपाई कर लेगा.

Der indische Finanzminister Pranab Mukherjee
कितनी सच्चाई है वित्त मंत्री की भविष्यवाणी में?तस्वीर: UNI

हालांकि ज्यादातर विश्लेषक वित्त मंत्री की खुशनुमा भविष्यवाणी से सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि इस साल अर्थव्यवस्था केवल 6.5 प्रतिशत से बढ़ेगी क्योंकि देश में विकास अब धीमी गति से हो रहा है. दो वर्षों के भीतर रिजर्व बैंक को 13 बार ब्याज दर बढ़ानी पड़ी हैं औऱ इसके बावजूद महंगाई अब भी 10 प्रतिशत के आस पास है.

राजनीतिक तौर पर विकास में गिरावट कांग्रेस की सरकार के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. रिटेल बाजार में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति देने के बाद देश भर में व्यापारी विरोध पर उतर आए हैं. मुखर्जी के मुताबिक खुदरा बाजार सेक्टर में सुधार का विरोध करने वाले केवल अपने निजी और घटिया फायदे को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में समझौते पर बात चल रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ओ सिंह