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64 साल बाद क्या पाया भारत पाक ने

१४ अगस्त २०११

भारत और पाकिस्तान को आजादी मिले 64 साल हो गए हैं. दोनों शाखें एक ही जड़ से निकली हैं, लेकिन उन्हें अलग अलग सींचने के चक्कर में जनता को क्या कुछ गंवाना पड़ा है, सोचना चाहिए.

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तस्वीर: AP

आजादी के 64 सालों में भारत और पाकिस्तान को जिस मुकाम पर होना चाहिए था, आज भी उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए हैं. गरीबी, अशिक्षा, विकास आज भी ऐसे मुद्दे हैं जो भारत और पाकिस्तान को पीछे धकेल रहे हैं. पाकिस्तान और भारत के गरीब में कोई अंतर नहीं है. आज भी वह सरकार की तरफ दो जून की रोटी के लिए टकटकी लगाए बैठा है. आजादी के इतने साल बीत गए हैं लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते पक्के नहीं हो पाए हैं. दोनों के बीच तनाव के मुद्दे पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गए हैं.

Soldiers Rangers - Konflikt Indien Pakistan
तस्वीर: AP

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सविता पांडे के मुताबिक दोनों देशों के बीच तनातनी के कारण भारत को कहीं ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. पांडे कहती हैं, "इन सालों में भारत को काफी नुकसान हुआ है. खास तौर से 1979 से अब तक देखें तो मुझे नहीं लगता कि संबंधों में कुछ सुधार हुआ है. बल्कि राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर भारत को काफी नुकसान हुआ है. पाकिस्तान का भी नुकसान हुआ."

लाहौर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर सज्जाद नासिर के मुताबिक इन सालों में दोनों देशों के बीच विवादों का मेन्यू बढ़ा है. पहले जहां सिर्फ कश्मीर का ही मुद्दा दोनों देशों के बीच था, वहीं 1984 के बाद वुलर बांध, सिरक्रीक और सियाचिन भी मुद्दे के रूप में शामिल हो गए हैं. नासिर कहते हैं कि मुंबई में हुए हमले के बाद से शांति प्रक्रिया को झटका लगा है. लेकिन पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर के भारत दौरे से रिश्तों में नई गर्मी आई है.

रक्षा पर जोर क्यों

नासिर के मुताबिक दोनों देशों में गरीबी बड़ा मुद्दा है. वह कहते हैं, "शांति होने से आर्थिक तरक्की होगी, दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. दोनों देशों को साथ मिलकर इन मुद्दों पर सामंजस्य बनाना होगा."

पाकिस्तान का रक्षा बजट करीब 5.7 अरब डॉलर है जबकि भारत कहीं अधिक यानी 36.03 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च कर रहा है. दोनों ही देश लगातार शक्तिशाली बनते जा रहे हैं. अगर दोनों देश शिक्षा और विकास पर ज्यादा जोर देते तो शायद तस्वीर कुछ और ही होती. लेकिन पांडे इससे एक राय नहीं रखतीं. उनके मुताबिक रक्षा और विकास दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अगर आप सुरक्षित हैं तभी विकास कर पाएंगे.

संस्कृति ने देशों को जोड़ा

हाल के सालों में पाकिस्तानी कलाकारों ने भारत में अपनी जगह बनाई है. गायकी, एक्टिंग, कॉमेडी और संगीत के क्षेत्र में भारतीयों के साथ पाकिस्तानी कलाकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. संगीत के जगत में पाकिस्तानी बच्चे भी भारतीय रिएलिटी शो में नाम कर रहे हैं. भारत में अपनी मधुर आवाज से लोगों का दिल जीत रहे हैं. पांडे के मुताबिक तनाव बढ़ने की वजह से कभी कभी सांस्कृतिक रिश्ते ठंडे हो जाते हैं. पांडे के मुताबिक संस्कृति के जरिए रिश्तों को मजबूत किया जा सकता है.

Border Guards Patrol - Konflikt Indien Pakistan
तस्वीर: AP

कारगर क्यों नहीं सार्क

पांडे कहती हैं कि अगर संबंध अच्छे होते तो सार्क भी कारगर साबित होता. इसके लिए वह पाकिस्तान के सिर ज्यादा दोष देती हैं. उनके मुताबिक दोनों देशों के बीच सीधा व्यापार ज्यादा नहीं. वह व्यापार को बढ़ाने की वकालत करती हैं. नासिर के मुताबिक दोनों देशों के बीच कड़वाहट की वजह से सार्क भी कामयाब नहीं हो पा रहा है.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी

संपादन: वी कुमार

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