4-1 से वनडे में दबदबा कायम करने का मौका
१६ जून २०११वनडे सीरीज को भारत पहले ही अपनी झोली में डाल चुका है लेकिन आखिरी वनडे मैच जीतकर वह 4-1 से अपना दबदबा कायम करने के अलावा टेस्ट मैचों की शुरुआत से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त भी लेना चाहेगा. सोमवार से शुरू होने वाले टेस्ट मैचों में अपनी जगह पक्की करने की सोच रहे खिलाड़ियों के लिए भी आखिरी वनडे अहम साबित होने जा रहा है जहां उनके पास अपने प्रदर्शन को पुख्ता करने का अवसर है.
टेस्ट सीरीज से पहले भारत को दो बल्लेबाज और तेज गेंदबाजी में कुछ मुश्किलों को किनारे लगाने की आवश्यकता है. मध्य क्रम में भारत को दो बल्लेबाजों की जरूरत है. विराट कोहली और सुरेश रैना के पास यह मौका है कि वे खुद को परिस्थितियों में ढाल सकें. किंग्स्टन, सबीना पार्क की पिच पर तेज उछाल मिलने की उम्मीद है और अगर रैना और कोहली पिच पर टिके तो टेस्ट सीरीज से पहले उनके आत्मविश्वास के लिए अच्छा रहेगा.
इस सीरीज में दोनों बल्लेबाज अब तक एक-एक बार अच्छी पारी खेल चुके हैं. लेकिन सीरीज में विराट कोहली सिर्फ 105 रन और रैना 82 रन ही बना पाए हैं. मध्य क्रम के लिए दावेदार एस बद्रीनाथ का प्रदर्शन भी खास नहीं रहा है और 4 मैचों में उन्होंने 40 रन ही जोड़े हैं. आंद्रे रसेल की बाउंस लेती गेंदों पर वह खासा परेशान दिखाई दिए.
अमित मिश्रा ने गेंद के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया है और अब तक चार मैचों में 17 विकेट झटक चुके हैं. भारत के लिए टेस्ट मैचों में वह तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं. अमित मिश्रा को पांचवे वनडे में खिलाए जाने की उम्मीद है लेकिन तेज पिच पर उन्हें उतारने का फैसला अभी लिया नहीं गया है. टेस्ट मैचों में मुनाफ पटेल निश्चित रूप से टीम का हिस्सा होंगे. दूसरे स्थान के लिए प्रवीण कुमार और इशांत शर्मा में मुकाबला है.
वेस्ट इंडीज ने चौथा वनडे जीता है जिसके बाद उसकी कोशिश आखिरी वनडे को अपने नाम कर जीत के साथ सीरीज खत्म करने की होगी. लेकिन क्रिस गेल की गैरमौजूदगी में टीम की बल्लेबाजी असहज नजर आ रही है. संतोषजनक बात यह है कि एड्रियन बारथ फिट हो गए हैं. वर्ल्ड कप के बाद से ही चोट लगने की वजह से बारथ टीम से बाहर थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम