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आपदाभारत

ओडिशा रेल हादसा: एक के बाद एक टकरा गईं तीन ट्रेनें

आमिर अंसारी
३ जून २०२३

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को भीषण ट्रेन हादसा हुआ. 233 लोगों की मौत हुई है और 900 लोग घायल हुए हैं. हादसे में तीन ट्रेनें शामिल थीं. ट्रेनों की टक्कर का कारण पता लगाने के लिए रेलवे ने जांच समिति का गठन किया है.

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ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को भीषण ट्रेन हादसा हुआ
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को भीषण ट्रेन हादसा हुआतस्वीर: JAYANTA SHAW/AFPTV/AFP/Getty Images

भारतीय रेल के इतिहास में अब तक के सबसे भयानक हादसों में से एक में शुक्रवार रात को हुए हादसे में खबर लिखे जाने तक 233 लोगों की मौत हो गई है और 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हादसे के बाद से बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है. मौत का आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि हादसा कितना भीषण था, हालांकि यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना कैसे हुई. देर रात ओडिशा सरकार ने बताया कि ट्रेनें पटरी से उतर गईं और एक ही स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, जिससे बड़ा हादसा हुआ.

आपस में बोगियां बुरी तरह से टकरा गईं, गैस कटर से बोगी काटी जा रही
आपस में बोगियां बुरी तरह से टकरा गईं, गैस कटर से बोगी काटी जा रहीतस्वीर: Press Trust of India/dpa/picture alliance

कैसे डिरेल हुईं कोरोमंडल एक्सप्रेस और टकराईं तीन ट्रेनें
बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम सात बजे के करीब पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी और इसके डिब्बे मालगाड़ी ट्रेन से टकरा गए और इसी दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए. तीनों ट्रेनों की टक्कर पांच मिनट के भीतर हुई. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई कोच पलट गए और कुछ कोच औंधे हो गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर जा चढ़ा और कुछ बोगियां तीसरे ट्रैक जा गिरीं. इसी ट्रैक पर तेजी से आ रही हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस ट्रैक पर गिरी बोगियों से टकरा गई.

एक के ऊपर एक बोगियां चढ़ गईं
एक के ऊपर एक बोगियां चढ़ गईंतस्वीर: Press Trust of India/dpa/picture alliance

ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने शनिवार को पुष्टि की कि कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए. मुख्य सचिव ने कहा कि 30 बसों के साथ 200 से अधिक एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है.

एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, ओडिशा अग्निशमन सेवा के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संगठनों ने रात भर क्षतिग्रस्त कोचों के ढेर में फंसे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी.

नेताओं ने जताया दुख

शनिवार सुबह केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का जायजा लिया और मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. गंभीर रूप से घायलों के लिए दो लाख और मामूली रूप से घायलों के लिए 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है. मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में प्रत्येक मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे." प्रधानमंत्री दुर्घटनास्थल का दौरा और घायलों से मुलाकात करने भी जा रहे हैं. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि घायल यात्रियों की जान बचाना अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

रेल हादसों में मारे जाते लोग

यह हादसा पिछले दो दशकों में भारत में हुई सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक है. इससे पहले अगस्त 1995 में नई दिल्ली के पास दो ट्रेनों की टक्कर हुई थी, जिसमें 358 लोगों की मौत हो गई थी. साल 2016 में इंदौर और पटना के बीच चलने वाली यात्री ट्रेन पटरी से उतर गई थी जिसमें 146 लोगों की जान चली गई थी.
भारत में होने वाले ज्यादातर रेल हादसों के लिए मानवीय भूल या पुराने सिग्नलिंग सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया जाता है. पूरे भारत में प्रतिदिन 1.2 करोड़ से अधिक लोग 14,000 ट्रेनों की सवारी करते हैं और ये ट्रेनें करीब 64,000 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर यात्राएं करती हैं.