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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

पृथ्वी को मिलने वाला है एक नन्हा सा नया चांद

२४ सितम्बर २०२४

पृथ्वी को एक नया चांद मिलने वाला है. 2024 पीटी5 नाम का यह मिनी-मून कुछ दिन के लिए पृथ्वी के चक्कर लगाएगा.

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ईएसए के मिशन एस्टेरॉइड का काल्पनिक चित्र
तस्वीर: Andrea Danti/Zoonar/picture alliance

वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी को जल्दी ही एक नया छोटा सा चांद मिलने वाला है. हालांकि यह बस कुछ दिन के लिए ही रहेगा. दरअसल, यह एक क्षुद्र ग्रह है जो कुछ दिन के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में आ जाएगा और उसके चक्कर लगाएगा.

हाल ही में खोजे गए इस क्षुद्रग्रह का नाम 2024 पीटी5 रखा गया है. खगोलविदों के अनुसार, 29 सितंबर से 25 नवंबर तक पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण अस्थायी रूप से इसे अपने क्षेत्र में ले लेगा. उसके बाद यह चांद की तरह पृथ्वी का चक्कर लगाएगा और फिर सूर्य की कक्षा में लौट जाएगा, जिसे हेलियोसेंट्रिक ऑर्बिट कहा जाता है.

इस अस्थायी मिनी-मून और इसकी घोड़े की नाल के आकार की कक्षा के बारे में जानकारी इस महीने अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की पत्रिका ‘रिसर्च नोट्स' में प्रकाशित हुई है.

खगोलविदों ने पहली बार इस क्षुद्रग्रह को 7 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका में स्थित टेलीस्कोप ‘एस्टेरॉइड टेरिस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम' (एटलैस) के जरिए देखा था.

मिनी-मून: 2024 पीटी5 क्या है?

‘रिसर्च नोट्स' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक 2024 पीटी5 एक नियर-अर्थ एस्टेरॉइड (एनईए) है, जिसका व्यास 11 मीटर है. यानी एक सिरे से दूसरे सिरे तक यह लगभग दो जिराफों के बराबर है. इसे "अर्जुन क्षुद्रग्रह" के रूप में जाना जाता है.

यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास बहुत धीरे से आएगा और 29 सितंबर को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा. फिर यह 25 नवंबर को पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर सूर्य की कक्षा में लौट जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, यह 9 जनवरी 2025 को एक बार फिर पृथ्वी के बहुत करीब आएगा. 

पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण अक्सर छोटे क्षुद्रग्रहों को उसकी कक्षा में खींच लेता है. इससे वे अस्थायी रूप से "छोटे-चंद्रमा" बन जाते हैं. शोधकर्ताओं ने इस मिनी-मून को "अस्थायी रूप से पकड़ी गई मक्खी" कहा है. 

कहां है 2024 पीटी5? 

अंतरिक्ष से जुड़े शोध और समाचार प्रकाशित करने वाली वेबसाइट ‘द स्काईलाइव' के अनुसार, 2024 पीटी5 फिलहाल उत्तरी गोलार्ध के उत्तरी आकाश में स्थित ड्रेको नक्षत्र में है. यह पृथ्वी से लगभग 30 लाख किलोमीटर दूर है. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि हम इस मिनी-मून को देख नहीं सकते क्योंकि इसकी चमक मैग्निट्यूड 22 है, जो इसे नंगी आंखों से या यहां तक कि बाजार में उपलब्ध शक्तिशाली टेलीस्कोप से देखना भी असंभव बनाती है. इसे केवल बड़े 30-इंच वाले पेशेवर टेलीस्कोप से ही देखा जा सकता है. 

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2024 पीटी5 जैसे क्षुद्र ग्रह आम तौर पर मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट से आते हैं. 2024 पीटी5 अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट से आया है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी जैसी कक्षा में घूमता है.

पृथ्वी के अन्य चंद्रमा

यूं तो पृथ्वी का एकमात्र वास्तविक प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है, फिर भी हमारे ग्रह के पास कुछ "क्वॉसी-सैटेलाइट्स" या आभासी उपग्रह भी हैं. उनमें से एक है ‘कामो'ओलेवा', जो पृथ्वी के साथ-साथ चलता है. इससे ऐसा लगता है कि यह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है, जबकि असल में यह सूर्य की परिक्रमा कर रहा होता है. 

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कामो'ओलेवा, जिसे 2016 एचओ3 भी कहा जाता है, 2016 में खोजा गया था. इसका व्यास लगभग 130 से 330 फुट है, जो अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के आकार के बराबर है.

वीके/सीके

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