2014 में क्या है खास
जाता साल आगे देखने को कह रहा है. यानी अगला 2014 की तरफ. देखते हैं कि वे कौन से मुद्दे हैं, जो 2014 में चर्चा में रहेंगे.
आखिरी रिपोर्ट
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय पैनल अपनी पांचवीं और आखिरी रिपोर्ट पेश करने वाला है. पैनल का कहना है कि अगर वक्त रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो सदी के आखिर तक धरती का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि ध्रुवों की बर्फ पिघलने लगेगी.
टीवी से आगे इंटरनेट
रेडियो टीवी से आगे निकल कर लोग अब इंटरनेट पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. 2014 वह साल साबित होगा, जब दुनिया भर में समाचारों के लिए लोग टीवी से ज्यादा इंटरनेट पर समय देंगे.
विंटर ओलंपिक
रूसी शहर सोची में फरवरी का महीना सर्दियों के जबरदस्त खेल लेकर आएगा. विंटर ओलंपिक पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी और मानवाधिकार के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेल रहे रूस पर भी.
विश्व युद्ध के 100 साल
बोस्निया की राजधानी सारायोवो में जून, 1914 में जब ऑस्ट्रिया के ड्यूक फर्डीनांड की हत्या कर दी गई, तो पूरी दुनिया में युद्ध फूट पड़ा. इस घटना के 100 साल होने के मौके पर पूरे यूरोप में कार्यक्रम रखे गए हैं.
फुटबॉल वर्ल्ड कप
विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन इस बार फुटबॉल के देश ब्राजील में होने वाला है. आधे दशक बाद ब्राजील में होने वाले वर्ल्ड कप में यूरोप और लातिन अमेरिका के बीच सबसे बड़ा कौन की जंग होगी.
भारत के चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की कामयाबी के बाद भारत का लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है. मुकाबला तो नरेंद्र मोदी बनाम कांग्रेस माना जा रहा था लेकिन अब तीसरा पक्ष भी सामने आ रहा है.
ग्रेट ब्रिटेन से आजादी
स्कॉटलैंड उन चार देशों में है, जो ग्रेट ब्रिटेन में आते हैं. लेकिन वह खुद को ब्रिटेन से अलग होना चाहता है. इस मुद्दे पर 2014 में जनमत संग्रह कराया जाएगा.
बर्लिन दीवार गिरने के 25 साल
यूरोप में नफरत और विभाजन की दीवार गिरे 25 साल हो रहे हैं. बर्लिन में इस मौके पर कई आयोजन किए जाएंगे. 20वीं सदी ने मुल्क तो कई बांटे लेकिन मिलन की इकलौती मिसाल है.
ओरियन की यात्रा
मानवरहित विमानों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अगले साल से उड़ाने पर विचार कर रहा है. ये यान मंगल, चंद्रमा और क्षुद्रग्रहों पर जा सकते हैं.
मंगल पर मंगलयान
सफर लंबा है लेकिन उम्मीदों और हौसलों से भरा. भारत का इंतजार 24 सितंबर, 2014 को पूरा होगा, जब मंगलयान लाल ग्रह की धरती को छुएगा. भारत उन गिने चुने देशों में है, जिन्होंने मंगल पर यान भेजा है.
अफगानिस्तान से वापसी
साल का अंत अफगानिस्तान में एक बदलाव लेकर आएगा. अमेरिकी नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेना 13 साल बाद बिना कुछ हासिल किए अफगान धरती छोड़ देगी.