160 ट्रेनिंगों से महफूज रहता है समंदर
१८ जुलाई २०१६दुनिया में इस समय करीब 20,000 अरब डॉलर का विदेश व्यापार होता है, इसका बड़ा हिस्सा समुद्र के रास्ते लाया ले जाया जाता है. लेकिन समुद्र में दुर्घटना को कैसे टाला जाए, आइये जानें.
एक ताकतवर जहाज पोर्ट में दाखिल हो रहा है. नॉर्डिक जर्मनी का सबसे मजबूत टोईंग शिप है. साढ़े 44 हजार हॉर्सपावर वाला यह जहाज समुद्र में फंसे 400 मीटर लंबे जहाजों को भी खींचकर सुरक्षित जगह पहुंचा सकता है. हार्बर में तो वह कम ही दिखता है.
80 मीटर लंबा ये जहाज 24 घंटे बचाव में होता है. तूफान कभी भी आ सकता है और किसी जहाज को मुश्किल में डाल सकता है, ऐसे में नॉर्डिक को बचाव करना होगा. दुर्घटना की स्थिति में नॉर्डिक, तेल टैंकरों और कंटेनर शिप को बाहर निकालता है ताकि वे टूट न जाएं.
नार्डिक के कप्तान क्रिस्टियान शाख्त अपनी जिम्मेदारियों से वाकिफ हैं, "यह जहाज नॉर्थ सी के इमरजेंसी प्लान का हिस्सा है और हमें जर्मन खाड़ी में एक इलाके की जिम्मेदारी दी गई है, जहां हम इस बात की गारंटी करते हैं कि जहाज जिनमें मैकेनिकल दिक्कत हो गई हो या कोई और समस्या है, वह वहां न फंसे और नाविकों व पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे."
करीब 1,00,000 जहाजों की आवाजाही वाली जर्मन खाड़ी दुनिया का सबसे व्यस्त नौपरिवहन इलाका है. नॉर्डिक, उस इमरजेंसी कमांड का प्रमुख जहाज है जो इस समुद्री रास्ते पर सुरक्षा और बचाव लिए बनाया गया है. जैसे ही कोई इमरजेंसी सूचना आती है, टीम लॉजिस्टिक चुनौती के लिए तैयार हो जाती है, खासकर अगर मामला तेल रिसाव का हो.
बचाव अभियान के ऑपरेशंस मैनेजर हंस वेर्नर मॉन्जेस आए दिन होने वाली ट्रेनिंग को खासा अहम मानते हैं, "यहां ट्रेनिंग बहुत ही अहम है, क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में हम पूरे इलाके में 3000 कर्मियों को तैनात करते हैं, यह हमारी क्षमता है. इसमें बहुत सारे बचावकर्मी, गाड़ियां, जहाज, हेलिकॉप्टर और विमान शामिल हैं. यह सहयोग बिना किसी समस्या के हो, नियमित ट्रेनिंग और अभ्यास जरूरी है क्योंकि बहुत से राहतकर्मी चाहे वे डॉक्टर हों, फायर ब्रिगेड कर्मी हो या दूसरे लोग, वे अक्सर समुद्री पानी और उसके खतरों से वाकिफ नहीं होते. इसलिए हम साल में 160 बार ट्रेनिंग करते हैं."
समुद्र में ट्रेनिंग. असल हादसे जैसे हालात बनाने के लिए समंदर में कुछ फेंका जाता है. इस बार पॉपकॉर्न फेंका गया है जो पानी पर तेल की तरह तैरता है. ट्रेनिंग के दौरान इसे तेल ही समझा जा रहा है. तेल की चादर की खोज के लिए विमानों की भी सहायता ली जाती है. फिलहाल माना जा रहा है कि 2000 टन तेल समुद्र में बह रहा है. पर्यावरण को होने वाले नुकसान को सीमित करने के लिए बचावकर्मी पानी में राफ्ट उतारते हैं. अब तेल की घेराबंदी करने की जरूरत है ताकि वह फैल न पाए.
लेकिन समस्या अभी खत्म नहीं हुई है. रिसाव वाला जहाज उत्तरी सागर के एक द्वीप की तरफ बढ़ रहा है. द्वीप के बायो सिस्टम को भारी खतरा पहुंचने का खतरा है. टैंकर को कंट्रोल नहीं किया जा सकता और उससे तेल का रिसाव जारी है.
इस ट्रेनिंग में पड़ोसी यूरोपीय देशों के जहाज भी भाग ले रहे हैं. चुनौती है वाडेन सी को बचाना. द्वीप के रेतीले तट को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. अगले अभ्यास के लिए हिम्मत की जरूरत है. दुर्घटनाग्रस्त जहाज पर विशेषज्ञों की जरूरत है. समुद्री तूफान के चलते नॉर्डिक दुर्घटनाग्रस्त जहाज के करीब नहीं पहुंच पा रहा है. बचावकर्मियों को हेलिकॉप्टर की मदद से जहाज तक पहुंचाया जाता है.
और अब निर्णायक घड़ी. बचाव टीम को जहाज पर उतार दिया गया है. नॉर्डिक के विशेषज्ञों को अब दुर्घटनाग्रस्त जहाज को तैयार करना है ताकि उसे खींचा जा सके. यह पायलटों के लिए भी चुनौती है कि तूफान के बीच उन्हें हेलिकॉप्टर को सही जगह पर बनाये रखना है. यह राहत और बचाव दल दरअसल जमीन पर होने वाले फायर ब्रिगेड, टेक्निकल राहत संस्था, रेड क्रॉस और टो सर्विस जैसे हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि वे ये सब समुद्र में करते हैं.
सात देशों के 16 जहाजों, तीन विमानों और एक हेलिकॉप्टर ने आज अभ्यास में हिस्सा लिया है. ताकि सारे बचावकर्मी असली दुर्घटना की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें.