हेल्मुट कोल का जीवन
जर्मनी के पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल नहीं रहे. किसी चांसलर का कार्यकाल इतना लंबा नहीं था जितना हेल्मुट कोल का. वे 16 साल तक अपने पद पर रहे. उन्हीं के कार्यकाल के दौरान बर्लिन की दीवार गिरी और जर्मनी का एकीकरण संभव हुआ.
एकीकरण के पिता का निधन
पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल का 87 साल की आयु में उनके गृहनगर लुडविषहाफेन में अपने घर पर 16 जून 2016 को निधन हो गया. उन्हें शांति में जर्मनी के एकीकरण और यूरोपीय एकता की मजबूती के लिए याद किया जायेगा.
सबसे लंबा कार्यकाल
1 अक्टूबर 1982 को हेल्मुट कोल जर्मनी के चांसलर बने. 16 साल तक देश के चांसलर रहने के बाद 1998 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने सीडीयू के पार्टी प्रमुख के पद से भी इस्तीफा दे दिया. वे 25 साल तक सीडीयू के अध्यक्ष रहे.
आडेनावर के काल में
1947 में ही कोल सीडीयू के सदस्य बन गए थे. अपने शहर लुडविषहाफेन में उन्होंने स्टूडेंट यूनियन बनाई. फिर 1950 में उन्होंने पहले लॉ की पढ़ाई शुरू लेकिन बाद में इतिहास और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद राजनीति में कोल का करियर तेजी से आगे बढ़ा. 1966 में वे सीडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन गए थे.
मुख्यमंत्री का पद
1966 में ही कोल राइनलैंड पैलैटिनेट राज्य में सीडीयू के अध्यक्ष भी बने. तीन साल बाद 1969 में उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला. और दो साल बाद हुए प्रांतीय चुनावों में उन्होंने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की.
25 साल तक अध्यक्षता
अपने प्रांत में बहुमत पाने के बाद हेल्मुट कोल राष्ट्रीय राजनीति के सपने देख रहे थे. जून 1973 में कोल को सीडीयू का अध्यक्ष चुना गया. 25 साल तक उन्होंने यह पद संभाला. पूर्व राजधानी बॉन में सीडीयू की एक बैठक के बाद की तस्वीर.
बने चांसलर
1982 तक देश में एसपीडी और एफडीपी की गठबंधन सरकार थी और हेल्मुट श्मिट चांसलर थे. लेकिन एफडीपी ने समर्थन वापस ले लिया और संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिसके तहत श्मिट को चांसलर का पद छोड़ना पड़ा और कोल चांसलर बने.
हाथ में हाथ
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ मितरां के साथ हेल्मुट कोल की यह तस्वीर दुनिया भर की सुर्खियों में रही. 1984 में दोनों सरकार प्रमुख फ्रांस के शहर वैरदां में मिले जहां 1916 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस और जर्मनी की सेनाएं एक दूसरे से भिड़ीं थीं.
दीवार का गिरना
1989 में बर्लिन दीवार गिरने के बाद से कोल ने मौके को पहचाना और पूर्व और पश्चिम जर्मनी को एक करने की कोशिश में जुट गए. 3 अक्टूबर 1990 को जीडीआर भी पश्चिम जर्मनी में शामिल हो गया. देश का एकीकरण कोल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.
लोकप्रियता
90 के दशक में हेल्मुट कोल जर्मनी के हर राज्य में बेहद लोकप्रिय थे. एकीकरण के दौरान उन्होंने वायदा किया था कि जर्मनी का पूर्वी हिस्सा फलेगा फूलेगा. वक्त के साथ वायदा पूरा ना कर पाने के कारण उनकी आलोचना होने लगी और उनकी लोकप्रियता घटने लगी.
मैर्केल के गुरु
हेल्मुट कोल के बिना जर्मनी की मौजूदा चांसलर अंगेला मैर्केल कामयाबी और शिखर की इन ऊंचाइयों को नहीं छू पातीं. मैर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर हैं और पिछले ग्यारह साल से इस पद पर बनी हुई हैं. कोल के शासन में ही मैर्केल पहले परिवार कल्याण मंत्री और फिर पर्यावरण मंत्री बनीं.
16 साल बाद हार
सितंबर 1998 हुए संसदीय चुनावों में कोल के नेतृत्व में सीडीयू चुनाव हार गयी. पहली बार देश में एसपीडी और ग्रीन पार्टी के गठबंधन वाली सरकार बनी और गेरहार्ड श्रोएडर चांसलर बने. कोल को सैन्य सम्मान के साथ विदा किया गया.
मुश्किल दौर
साल 2000 में सीडीयू पार्टी में घोटाले की खबरें आने लगीं और पार्टी की नेतृत्व में दरार पड़ने लगी. कोल ने इस दौरान पार्टी से दूर रहने का फैसला लिया.
पत्नी का देहांत
जुलाई 2001 में हेल्मुट कोल की पत्नी हनेलोरे कोल ने अपनी जान ले ली. वे लंबे समय से बीमार थीं और रोशनी से एलर्जी की शिकार थीं. हेलमुट और हनेलोरे कोल का साथ 41 साल का था.
नया प्यार
2008 में कोल एक बीमारी के कारण रेहैबिलिटेशन सेंटर में वक्त गुजार रहे थे. इसी दौरान उन्होंने खुद से 34 साल छोटी माइके रिष्टर से शादी की. रिष्टर पेशे से अर्थशास्त्री हैं.
पोप के साथ
सितंबर 2012 में जब पोप बेनेडिक्ट 16वें जर्मनी आए तो हेल्मुट कोल उनसे मिलने पहुंचे. पत्नी माइके रिष्टर के साथ वे 25 मिनट तक पोप के साथ बातचीत करते रहे.
स्टैंप में कोल
साल 2012 में हेल्मुट कोल वाली स्टैंप निकाली गयी. जर्मनी और यूरोप के एकीकरण में योगदान देने वाले कोल के लिए यह एक बड़े सम्मान का अवसर था. ऐसी बहुत काम ही शख्सियतें हैं जिनके जीते जी स्टैंप निकली हो.