हेडली पर अमेरिका ढुलमुल, वामपंथियों की भवें चढ़ीं
२३ मार्च २०१०हेडली से सीधे पूछताछ करने के बारे में अमेरिका ने फ़ैसला नहीं किया है, अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर के ऐसा कहने के बाद सी पी आई एम के महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि भारत को यह साफ़ करना चाहिए कि हेडली से मुंबई हमलों और लश्कर ए तैयबा के संबंधों के बारे में जानना भारत का अधिकार है. वामपंथी पार्टी का कहना है कि अमेरिका और भारत के संबंध एक स्तर के नहीं हैं.
चार ही दिन पहले दक्षिण एशिया के लिए अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री रॉबर्ट ब्लेक ने कहा था कि हेडली से भारत को सीधे पूछताछ करने की इजाज़त दी जाएगी. अब मंगलवार को भारत में अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर ने कहा कि डेविड हेडली से सीधे पूछताछ के बारे में कोई फ़ैसला नहीं किया गया है.
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट ब्लेक से जब पूछा गया क्या भारतीय जांचकर्ताओं को हेडली से पूछताछ की इजाजत होगी, तो उन्होंने कहा, "हां."
ब्लेक ने हेडली को भारत प्रत्यर्पित किए जाने से इनकार किया है लेकिन अभी इस बारे में विकल्प खुले रखे हैं. हो सकता है भविष्य पर उस पर भारत से जुड़े और आरोप लगें. उन्होंने कहा, "सौदेबाज़ी की याचिका में हुई सहमति के मुताबिक, अमेरिका हेडली को भारत, पाकिस्तान या फिर डेनमार्क प्रत्यर्पित नहीं करेगा.
भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि भारत हेडली से निर्धारित वैधानिक तरीक़े से पूछताछ करने की अनुमित प्राप्त कर लेगा जिसमें उसे सहयोग करना होगा. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल और न्याय विभाग के प्रमुख एरिक होल्डर के साथ टेलिफोन पर हुई बातचीत के बाद चिदंबरम ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें मुंबई हमलों की साज़िश से जुड़े मामले के सिलसिले में हेडली की सौदेबाज़ी याचिका से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी दी गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे