हेडली को लेकर पाक से सबूत मांगेगा भारत
८ फ़रवरी २०११हेडली से लगभग एक साल तक अमेरिका में पूछताछ चलती रही. इस दौरान उसने अपने बैंक खातों, जायदाद और पाकिस्तान में साझेदारों की जानकारी दी. भारत का मानना है कि पाकिस्तान के पास से यह जानकारी मिल सकती है. पाकिस्तान भी मामले की जांच कर रहा है.
एनआईए ने केंद्रीय सरकार से मंजूरी हासिल कर ली है और मुंबई अदालत के जरिए पाकिस्तान को एक लेटर्स रोगोटरी यानी एलआर भेजा जाएगा. एलआर एक देश की तरफ से दूसरे देश की अदालत को खास औपचारिक अनुरोध है जिसके तहत कानूनी कार्रवाई में मदद की मांग की जा सकती है. एनआईए के अनुरोध में हेडली और कनाडा के उसके साझेदार तहव्वुर राना को लेकर सबूत मांगे गए हैं. राना और हेडली 2008 के मुंबई हमलों में आतंकवादियों को मदद देने के आरोपी हैं.
एलआर में भेजे जाने वाली सारी जानकारी को तय कर लिया गया है और इसे मुंबई की अदालत को सौंपा जाएगा. अदालत फिर इसे पाकिस्तान के अदालत को भेजेगी. अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अगर पाकिस्तानी अदालत सबूत देने को राजी हो जाती है तो राना और हेडली के खिलाफ मामला दर्ज करने में आसानी होगी. दोनों इस वक्त अमेरिकी सरकार की हिरासत में हैं.
एनआईए ने हेडली उर्फ दाऊद गिलानी और तहव्वुर राना ने लश्कर ए तैयबा से मिलकर को 2008 मुंबई हमले में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः ए जमाल