हीरों से भरा एक ग्रह मिला
११ दिसम्बर २०१०ब्रह्मांड में छुपे हीरे जिस ग्रह में हैं उसे WASP-12b नाम दिया गया है. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ग्रह का ज्यादातर भाग बेहद ठोस कार्बन का है. वैज्ञानिक अध्ययनों में कहा गया है कि WASP-12b का इतना सघन कार्बन हीरा हो सकता है.
यह ग्रह काफी बड़ा है. इसका आकार बृहस्पति के बराबर आंका गया है. WASP-12b पहली बार पिछले साल सामने आया था. यह ग्रह सूर्य के काफी करीब है और इस वजह से बेहद गर्म भी है. धरती से इसकी दूरी 1,200 प्रकाश वर्ष आंकी गई है. प्रकाश तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से सफर करता है. एक प्रकाश वर्ष में 9500 अरब किलोमीटर होते हैं.
शोध करने वाली टीम में भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल हैं. प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी में रिसर्च कर रहे निक्कू मधुसूदन के मुताबिक WASP-12b ने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं. पुरानी बातों के इतर अब फिर से नई पहेली खड़ी हो रही है कि आखिर यह ग्रह बना कैसे. इस ग्रह में अब तक सामने आए हर ग्रह से दोगुना कार्बन मौजूद है. यह कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड के रूप में है.
मधुसूदन के मुताबिक हीरों की संभावनाओं से भरा ग्रह WASP-12 के चक्कर लगा रहा है. अनुमान है कि WASP-12 से टूटकर ही यह ग्रह बना है. फिलहाल WASP-12b पर लेख छप रहे हैं और रिसर्च चल रही है. जैसे जैसे हीरों के बारे में ज्यादा जानकारी सामने आती जाएगी, इंसान की ललक हीरों को अपने धरती नामक ग्रह में लाने के लिए भी बढ़ती जाएगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा