हर शनिवार को जानकारियों का पिटारा
२५ अप्रैल २०१४कहते हैं जब सब कुछ आशा के अनुरूप मिले तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता. विज्ञान सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारियों का पिटारा जब मंथन में हर शनिवार डीडी 1 पर खुलता है तो उसे देख दिल बाग बाग हो उठता है. जर्मन वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं से रूबरू कराता मंथन नित नई पहचान बनाता जा रहा है. हर वर्ग के लोग इसमे रूचि दिखा रहे हैं, विशेषकर युवा वर्ग. कारण भी स्पष्ट है इसके नियमित जुड़ाव से वह अपनी शिक्षा में इसको लाभकारी मान रहे हैं. खासतौर पर सामान्यज्ञान प्रतियोगिता में निपुणता का सशक्त माध्यम कहा जाना गलत न होगा और अचम्भित करने वाले अद्भुत कारनामों से हम जैसे दर्शक और पाठक भी खूब परिचित हो रहे हैं. सम्पूर्ण मंथन टीम को धन्यवाद... मुहम्मद सादिक आजमी, ग्राम लोहिया,पोस्ट अमिलो, जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
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मंथन में जानकारी मिली के घर पर आराम से सोफे पर बैठो और सीखो. जी हां अपने आप में ये जानकारी कितनी दिलचस्प और उपयोगी है कि कंप्यूटर और तकनीक की मदद से बच्चे अब घर बैठे सीख सकेंगे. इंटरनेट के जरिए पढ़ाई लिखाई कैसे आसान और रोचक बन रही है, देख कर और जान कर बहुत अच्छा लगा. जर्मनी में अपने शुरुआती दौर से गुजर रही वर्चुअल टीचर और उससे मिलने वाली शिक्षा विधि के बारे में मंथन की इस रिपोर्ट ने हमें बहुत दिलचस्प और आसान अंदाज में जानकारी दी. इस बात में कोई शक नहीं, कि जर्मनी से आने वाली इस तरह की जानकारी हमेशा ही से मेरे लिए बहुत रोचक होती है, जिसके जरिए हम जर्मनी के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले विकास, नए विचारों, आविष्कारों और होने वाली खोज के बारे में बेहतर और भरपूर तौर पर जान सकते हैं. हमारे मायने में ये वर्चुअल टीचर का आयडिया हमारे यहां ट्यूशन के तरीके जैसा ही है. वैसे आप इस रिपोर्ट में अगर यह भी बताते कि इस वर्चुअल टीचर की प्रणाली से अब तक कितने छात्र छात्राएं जुड़े हुए हैं, एक छात्र इस शिक्षा के लिए महीने में जो पैसा देता है, वह पैसा कहां जाता, कौन कौन उस रकम में भागीदार हैं.
भारतीय आम चुनावों पर आपकी कवरेज बहुत ही सराहनीय है जिसके सबब हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और अपने पडोसी देश में होने वाली चुनावी गतिविधियों और तमाम बातों के बारे में जानकारी मिल रही है. इसमें कोई शक नहीं कि हमारे दोनों देशों में इस मामले में बहुत सी बातें समान है, लेकिन बहुत सी बातें, विषय और समस्याएं हर देश की अलग अलग और खास होती हैं.
एक सुझाव है, कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर होने वाले चुनाव के लिए चुनाव स्टाफ की भी अपनी एक अहमियत और जरूरत होती होगी. आप कभी हमें किसी विस्तृत रिपोर्ट में बताएं कि कैसे लिया जाता है वो चुनावी स्टाफ, कौन लोग होते हैं उस में, सरकार की तरफ से उन को कैसी सुविधाएं दी जाती हैं. और कभी उन सीटों के बारे में भी बताएं, जहां से जीत तो किसी भी पार्टी की हो, लेकिन वोट जात, बिरादरी, कबीले या ऐसे ही किसी संबंध से किसी विशेष शख्सियत या खानदान को ही मिलता है. हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में भी जब तक ये चुनाव चलते हैं, परिणाम आते हैं, सरकार बनती है, तब तक हमें डीडब्ल्यू इसी तरह से इस बारे में और तमाम संबंधित बातों के बारे में जानकारी बराबर देता रहेगा... आजम अली सूमरो, ईगल इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स कलब, खैरपुर मीरस सिंध, पाकिस्तान
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आपका वेबपेज बहुत ही अच्छा है, आर्टिकल्स के साथ जो भी लिंक दिया जाता है, बड़ा ही दिलचस्प और जानकारीपूर्ण होता है. कभी कभी डॉयचे वेले का वेबपेज देखता रहता हूं. मुझे बहुत पंसद है. आप सब को भारत से, मुंबई से और मेरे घर से शुभकामनाएं!!!.. येलुरी वेंकट रत्नम, नवी मुंबई
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विशेष दिनों के इतिहास को जानने के लिए डॉयचे वेले बहुत ही उपयोगी है. आपके यहां से हमें दुनियाभर की नवीनतम खबरें प्राप्त होती है... शुभम महाजन, नागपुर
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संकलनः विनोद चढ्डा
संपादनः आभा मोंढे