1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हरित निवेश से क्या सुलझ जायेगी धरती की समस्या?

५ जुलाई २०२२

यूरोपीय संघ ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हरित निवेश के नियम बना लिये हैं. कौन सा निवेश हरित है और कौन नहीं, इसकी पहचान की जायेगी. क्या इससे पर्यावरण का सचमुच भला होगा?

https://p.dw.com/p/4DhJM
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कई स्तरों पर काम करना होगा
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कई स्तरों पर काम करना होगातस्वीर: Fred Tanneau/AFP/Getty Images

समर्थकों का कहना है कि यह अब तक सबसे महत्वाकांक्षी हरित निवेश नियमावली है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भारी मात्रा में पैसा मुहैया करायेगा. आलोचक कह रहे है कि यह गुमराह करने वाली कवायद है, जिसने यूरोपीय संघ के जलवायु परिवर्तन से जुड़े लक्ष्यों को जोखिम में डाल दिया है.  तो यूरोपीय संघ की टिकाऊ वित्तीय वर्गीकरण आखिर है क्या?

यह वर्गीकरण करता क्या है?

यूरोपीय संघ का वर्गीकरण एक जटिल तंत्र है, जो इस आधार पर वर्ग बनाता है कि अर्थव्यवस्था के किस हिस्से को टिकाऊ निवेश के तौर पर चिन्हित किया जा सकता है. टिकाऊ निवेश का मतलब उस निवेश से है, जिसमें पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचती.

इसमें आर्थिक गतिविधियों के साथ ही विस्तृत पर्यावरणीय कसौटी तय की गई है, जिस पर खरा उतरने के बाद ही उन्हें ग्रीन लेबल मिलेगा.

यह भी पढ़ेंः ना खाने को अन्न मिलेगा ना सांस लेने को साफ हवा

ज्यादातर क्षेत्रों के लिए इसके नियम इस साल तक लागू हो जायेंगे. इनमें स्टील प्लांट से लेकर इलेक्ट्रिक कार और इमारतों के मरम्मत तक शामिल है.

हालांकि, गैस और परमाणु ऊर्जा के लिए नियमों में काफी देरी हो रही है. सरकारें और इनसे जुड़े गुट इस बात पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं कि क्या ये ईंधन जलवायु परिवर्तन से लड़ने में कारगर होंगे.

माइंज का यह एनर्जी पार्क अतिरिक्त ऊर्जा को हाइड्रोजन में बदल देता है
माइंज का यह एनर्जी पार्क अतिरिक्त ऊर्जा को हाइड्रोजन में बदल देता हैतस्वीर: Erich Malter/Siemens AG

गैस और परमाणु ऊर्जा के बारे में क्या कहा गया है?

अब तक कुछ भी नहीं. यूरोपीय आयोग ने फरवरी में एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें गैस और परमाणु बिजली घरों को इस वर्गीकरण में शामिल करने के कुछ शर्तों को पूरा करने की बात कही गई है. अगर यूरोपीय संसद में बहुमत या फिर यूरोपीय संघ के 27 में से 20 देश इसे वीटो नहीं करते, तो यह प्रस्ताव 2023 से लागू होगा.

इसे वीटो करना है या नहीं, इस पर बुधवार को संसद में मतदान होगा. यूरोपीय संघ के अधिकारी नजदीकी मुकाबला रहने की बात कह रहे हैं.

आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक गैस से चलने वाले बिजली संयंत्र को तब ग्रीन माना जायेगा, जब वह प्रति किलोवाट घंटे 270 ग्राम सीओटू से ज्यादा उत्सर्जन नहीं करेगा. या फिर 20 सालों में उसका औसत उत्सर्जन 550 ग्राम से ज्यादा न हो. साथ ही, उसे साल 2035 तक लो कार्बन गैस की ओर जाने का वचन भी देना होगा. पोलैंड और बुल्गारिया के विरोध के बाद इसे संशोधित किया गया. इन देशों का कहना है कि गैस निवेश बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ज्यादा प्रदूषण करने वाले कोयले से छुटकारा पाया जा सके. इसी तरह डेनमार्क और लग्जमबर्ग का कहना है कि जीवाश्म ईंधन गैस को ग्रीन एनर्जी मानना उचित नहीं है.

यह भी पढ़ेंः जलवायु से जुड़े लक्ष्य हासिल करने कोयला अब भी राह का रोड़ा

आखिर यह वर्गीकरण है क्यों?

वर्गीकरण जिन गतिविधियों को ग्रीन नहीं मानता है, उसमें निवेश पर रोक नहीं लगाता है. यह सिर्फ उन कंपनियों और निवेशकों की पहचान करता है, जो जलवायु सम्मत होने का दावा कर सकते हैं. यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2050 तक उत्सर्जन को पूरी तरह बंद करना चाहता है और इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी. इनमें से ज्यादातर पैसा निजी निवेशकों की तरफ से आयेगा. वर्गीकरण का लक्ष्य सचमुच की हरित गतिविधियों को ज्यादा लोगों के सामने लाना और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना है.

ये नियम हरित के नाम पर गुमराह करने की गतिविधियों पर भी रोक लगायेंगे. बहुत सी कंपनियां पर्यावरण का ध्यान रखने के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर दावे करती हैं. यूरोपीय संघ इसे भी रोकना चाहता है.

यूरोपीय संघ 2050 तक नेट उत्सर्जन शून्य करना चाहता है
यूरोपीय संघ 2050 तक नेट उत्सर्जन शून्य करना चाहता हैतस्वीर: DW

किन लोगों पर यह लागू होगा?

यूरोपीय संघ में पेंशन समेत सभी तरह के वित्तीय उत्पाद मुहैया कराने वालों को यह बताना होगा कि कौन सा निवेश वर्गीकरण के जलवायु से जुड़े नियमों को पूरा करता है. हर निवेश के लिए यह बताना होगा कि इसमें से कितना हिस्सा नियमों का पालन करने वाले उपक्रमों में खर्च हो रहा है.

बड़ी कंपनियों और सूचीबद्ध फर्मों को यह जानकारी देनी होगी कि उनके टर्नओवर का कितना हिस्सा और पूंजी से जुड़े खर्च नियमों का पालन कर रहे हैं.

इसका मतलब है कि प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को हरित निवेश करने पर मान्यता मिल सकेगी. उदाहरण के लिए अगर कोई तेल कंपनी पवन चक्कियो में निवेश करती है, तो वह अपने उन खर्चों को हरित बता सकती है.

हरित निवेश क्या है?

नियमों के आधार पर हरित निवेश को तीन प्रकारों में बांटा जा सकता है. पहला वह है, जो हरित लक्ष्यों को हासिल करने में बड़ा योगदान देते हैं. जैसे पवन ऊर्जा के फार्म.

दूसरा है हरित गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले काम. उदाहरण के लिए ऐसी सुविधाओं का विकास, जहां अक्षय ऊर्जा या फिर हाइड्रोजन को जमा करके रखा जा सकता है.

तीसरा है ऐसी गतिविधियां, जिन्हें पूरी तरह से टिकाऊ तो नहीं बनाया जा सकता, लेकिन जिनमें उत्सर्जन को औद्योगिक स्तर के औसत से नीचे लाया जा सकता है और जो प्रदूषण फैलाने वाली संपत्तियों को रोके नहीं रखते या फिर हरित विकल्पों से दूरी बना कर नहीं रहते. गैस और परमाणु बिजली घर इन्हीं गतिविधियों में शामिल हैं.

हाइड्रोजन गैस से चलने वाली रेल
हाइड्रोजन गैस से चलने वाली रेलतस्वीर: Max Brugger/REUTERS

इन्हें अपनाने में इतनी देर क्यों हुई?

गैस और परमाणु नियमों को एक साल से ज्यादा समय यूरोपीय संघ की सरकारों और उद्योगों की खेमेबाजी का सामना करना पड़ा.

यूरोपीय संघ के सांसदों ने जलवायु से जुड़े नियमों को 2020 तक तैयार कर लेने की उम्मीद की थी. आखिरकार अप्रैल 2021 में यूरोपीय संघ ने ज्यादातर क्षेत्रों के लिए नियम तैयार कर लिए, लेकिन गैस और परमाणु क्षेत्र के लिए नियम बनने में 2022 आ गया.

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पैसे कहां से आते हैं?

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए विशेषज्ञ सलाहकारों के निर्देशों पर तैयार कसौटियों को विज्ञान आधारित लक्ष्यों का पालन करन के लिए बनाया गया है. हालांकि, कुछ सलाहकारों का यह भी कहना है कि कई वैज्ञानिक कसौटियों को नियमों पर यूरोपीय संघ में राजनीतिक उठापटक के चलते किनारे कर दिया गया.

क्या सब कुछ तैयार है?

नहीं. वर्गीकरण अभी खत्म नहीं हुआ है. हरित समझे जाने के लिए किसी भी गतिविधि को पर्यावरण से जुड़े छह लक्ष्यों में से किसी एक में योगदान देना होगा और बाकी के पांच को नुकसान नहीं पहुंचाना होगा. अब तक सिर्फ दो लक्ष्यों के लिए ही नियम तैयार हुए हैं. इनमें एक है जलवायु परिवर्तन से जंग और उसके नतीजों के हिसाब से खुद को ढालना. दूसरे लक्ष्यों के लिए नियम इस साल तैयार होंगे.

एनआर/वीएस(रॉयटर्स)