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हजारे का मसौदा मंजूर नहीं: सिब्बल

८ जुलाई २०११

केंद्रीय मंत्री और लोकपाल विधेयक मसौदा समिति के अहम सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा है कि समाजसेवी अन्ना हजारे की टीम ने जो बिल का मसौदा तैयार किया है, वह उन्हें स्वीकार नहीं है. उन्होंने हजारे के मसौदे को संविधान के खिलाफ कहा.

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सिब्बल ने हजारे की खिल्ली उड़ाईतस्वीर: UNI

मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिब्बल ने अन्ना की टीम को ऐसा अनिर्वाचित समूह बताया जिसकी किसी के प्रति जवाबदेही नहीं है. उन्होंने मजाक में कहा कि केंद्र सरकार को विलासराव देशमुख से सुझाव लेने चाहिए थे क्योंकि उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र में हजारे और उनके अनशन से निपटने का अनुभव है.

सिब्बल ने कहा, "लोकपाल (जैसा कि अन्ना हजारे का मसौदा है) संसद या अदालतों के प्रति जवाबदेह नहीं होगा क्योंकि ये संस्थाएं भी इसके तहत लाई जानी हैं." उन्होंने आगे कहा कि लोकपाल के जरिए तभी भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है जब मौजूदा व्यवस्था बनी रहे. उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि किसी अच्छे स्कूल में बच्चे का दाखिला कराने के लिए मां बाप किसी भी हद को जाने के लिए तैयार रहते हैं. इसे तभी रोका जा सकता है जब बुनियादी ढांचा खड़ा किया जाए और बेहतर स्कूल बनाए जाएं.

सिब्बल ने हैरानी जताते हुए कहा कि हजारे और उनकी साथी जिन नौकरशाहों, चुने हुए प्रतिनिधियों और न्यायपालिका को 'दागदार' समझते हैं, उन्हें लोकपाल के तहत कैसे 'पवित्र' किया जा सकता है. मीडिया को निशाना बनाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह देश ऐसे संस्थाओं के तहत नहीं चल सकता जिसकी कोई जवाबदेही नहीं है. मैं तो प्रधानमंत्री से यह सिफारिश करने जा रहा हूं कि मीडिया को भी जवाबदेह बनाया जाए. टीवी पर प्रतिष्ठाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं."

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हजारे फिर अनशन पर बैठने की योजना बना रहे हैंतस्वीर: AP

सिब्बल ने कहा कि हजारे की टीम ने जो विधेयक का मसौदा तैयार किया है वह संविधान के कुछ बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने लोकपाल पर जारी बहस पर चुप्पी बनाए रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लिया. सिब्बल ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक व्यवस्था और संसद को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.

इससे पहले सिब्बल ने हजारे की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि सरकार से गलती है जो अन्य केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से सलाह मशविरा नहीं किया गया. देशमुख की मौजूदगी में सिब्बल ने कहा, "आपको (महाराष्ट्र में) हजारे और उनके अनशनों से निपटने का अनुभव है. आपसे सलाह मशविरा किया होता तो सरकार इस मामले से अलग तरह से निपटती."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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