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सीरिया में विदेशी लड़ाके

२२ दिसम्बर २०१२

सीरिया में विदेशी लड़ाकों के संघर्ष में शामिल होने से स्थिति और भी खराब होती जा रही है. सीरियाई सेना का आबादी वाले हिस्सों में मिसाइल हमला जारी है.

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तस्वीर: Rob van Delft

नाटो प्रमुख आंदर्स फो रासमुसेन ने सीरिया में चल रही हिंसा में स्कड मिसाइल के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की, "यह घटना सत्ता की छटपटाहट दिखाती है, जो गिरने के नजदीक है." पिछले हफ्ते ही नाटो ने दावा किया था कि सीरिया की सेना छोटी दूरी वाली स्कड मिसाइलों से हमला कर रही है. इसके बाद ऐसी ही घटना दोबारा हुई बताई जाती है. स्कड रूस में बनी मिसाइलें हैं.

हिंसा में विदेशी भी

संयुक्त राज्य ने इस बात की चिंता जताई है कि सीरिया में हो रही हिंसा में सिर्फ वहां के स्थानीय लोग नहीं, विदेशी भी शामिल हैं. एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद और विरोधियों के बीच की लड़ाई बाहरी लड़ाकों के आने से सांप्रदायिक संघर्ष बनता जा रहा है.

Türkische Truppen Grenze Syrien
तस्वीर: Bulent Kilic/AFP/Getty Images

अब तक खुद को सरकार और विरोधियों की लड़ाई से दूर रख रहे अल्पसंख्यक अपनी रक्षा के लिए हथियार रख रहे हैं. तुर्क समुदाय के एक सदस्य ने बताया, "आपको पता हो कि आपका पड़ोसी हर समय हथियारों से लैस है और वह आपको विरोधी मानता है. ऐसे में खुद बिना हथियारों के रहना कहां की समझदारी है."

सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र की जांच कमीशन के अध्यक्ष पाउलो पिनयेरियो ने कहा, "लगभग 21 महीनों से चल रही हिंसा में सेना की जीत की कोई उम्मीद नहीं दिखती." हालांकि विवाद मोटे तौर पर शिया बहुल सीरिया की सेना और सुन्नी विरोधियों के बीच है. पर अब यूरोप और अमेरिका से भी विरोधियों की मदद के लिए लड़ाके आने लगे हैं. जांचकर्ताओं ने पाया कि करीब 29 अलग अलग प्रांतों से आए लोग संघर्ष में शामिल हो रहे हैं.

Syrien Flüchtlinge Lager Grenzgebiet
तस्वीर: picture alliance / dpa

पुतिन की सफाई

सीरिया में पिछले लगभग 21 महीनों से चल रही हिंसा पर रूस के राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन ने चुप्पी तोड़ी. पुतिन ने इस बात को नकारा कि असद सरकार को रूस का सहयोग जारी है, "अब सिर्फ एक ही बात जरूरी है कि जितनी जल्दी हो सके हिंसा का अंत हो." राष्ट्र को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, "हमारा काम है किसी भी तरह उस तरीके को निकालना, जिससे सीरिया में चल रही हिंसा को रोका जा सके और देश को टूटने से बचाया जा सके. अब किसी भी हाल में असद के शासन को सत्ता में बनाए नहीं रखा जा सकता."

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार अब तक इस हिंसा में 20,000 लोग मारे जा चुके हैं. हालांकि सीरियाई मानवाधिकार पर लंदन में बनी ऑब्जर्वेटरी इस संख्या को 44,000 से ज्यादा मानती है.

एसएफ/एजेए (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)

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