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सीरिया की असहनीय हालत मंजूर नहीं

२० मार्च २०१२

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया के हालात अस्वीकार्य और असहनीय हो गए हैं. यह बात उन्होंने इंडोनेशिया के बोगोर में संयुक्त राष्ट्र के लिए काम कर रहे देश के शांति सैनिकों को संबोधित करते हुए कही.

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हमलों से खस्ताहाल घरतस्वीर: SANA

इंडोनेशिया में राष्ट्रपति सुसिलो बामबंग युधोयोनो से मुलाकात के बाद बान की मून ने कहा, "सीरिया में स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबसे अधिक चिंता को मुद्दा बन गया है." बान ने कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में पिछले एक साल में आठ हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि सीरिया में चल रही हिंसा के अंत के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा, "हमारे पास अब बर्बाद करने के लिए बिलकुल वक्त नहीं बचा है. एक मिनट या एक घंटे की देरी का मतलब होगा और लोगों की जान जाना. यह सभी देशों की नैतिक और राजनैतिक जिम्मेदारी है."

बान ने उन देशों की प्रशंसा की जिन्होंने पिछले एक साल में सीरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में पेश किए गए प्रस्ताव को ले कर वह सकारात्मक हैं, "मुझे पूरी उम्मीद है कि सब देश एक जुट हो कर बात करेंगे और खास तौर से सुरक्षा परिषद में वह अपनी एकता दिखा सकेंगे ताकि एक साथ उनकी आवाज सुनी जा सके."

UN-Sicherheitsratssitzung zu Syrien
बान की मून चिंता मेंतस्वीर: dapd

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति युधोयोनो ने भी कहा कि इस त्रासदी के अंत की जरूरत है, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना होगा. सिर्फ इसलिए कि हम संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पारित नहीं करा पा रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि सीरिया में लोगों पर जुल्म होते रहे." संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बशर अल असद के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित नहीं हो पा रहा है. जहां एक तरफ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, पुर्तगाल और जर्मनी ने प्रस्ताव का समर्थन किया है वहीं दूसरी ओर चीन और रूस ने इसे समर्थन देने से इंकार कर दिया है.

मंगलवार को एक बार फिर सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही है. बैठक में इस बात पर चर्चा की जा रही है कि अगर असद संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग की शांति योजना का पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ कैसे कदम उठाए जाने चाहिए.

इससे पहले सोमवार को परिषद में फ्रांस के दिए बयान में कहा गया कि कोफी अन्नान के नेतृत्व में अरब लीग के उठाए कदमों का वह पूरा समर्थन करता है. बयान में सीरिया के हालत को ले कर "गहरी चिंता" जताई गई है और हजारों लोगों की मौत के लिए खेद व्यक्त किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि सीरिया की सरकार और विपक्ष दोनों को अन्नान की शांति योजना को "फौरन और पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए". इस योजना में हिंसा को रोकने, कैद किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई और सुरक्षा बलों की वापसी की बात कही गई है.

Syrien Bürgerkrieg Demonstranten flüchten in Daraa
सीरिया में लोगों पर बढ़ते हमलेतस्वीर: AP

सुरक्षा परिषद की बैठक से एक दिन पहले ही दमिश्क में भारी हिंसा देखी गई. माना जा रहा है कि पिछले एक साल में दमिश्क में हिंसा की यह सबसे बड़ी घटना है.

रिपोर्टः एएफपी, डीपीए/ ईशा भाटिया

संपादनः एन रंजन

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