सिम कार्ड पर जासूसों का हमला
२१ फ़रवरी २०१५ब्रिटेन और अमेरिकी खुफिया एजेंसी (एनएसए) के हैकरों ने दुनिया की सबसे बड़ी सिम कार्ड निर्माता कंपनी गेमाल्टो के आंतरिक नेटवर्क को तोड़ दिया है. इंटरसेप्ट वेबसाइट के मुताबिक यह खुलासा एनएसए के पूर्व हैकर एडवर्ड स्नोडेन ने दस्तावेजों के साथ किया है. इंटरसेप्ट के संस्थापक ग्लेन ग्रीनवाल्ड ने स्नोडेन के इस ताजा लीक की जानकारी ट्वीट करके दी.
निजी जानकारी तक पहुंच
नीदरलैंड्स की कंपनी गेमाल्टो हर साल दो अरब सिम कार्ड बनाती है. इसके ग्राहकों में टी मोबील, वेरीजॉन, एटी एंड टी समेत 85 देशों की सेलुलर कंपनियां है. गेमाल्टो का नारा है, "सुरक्षा मुफ्त हो."
इंटरसेप्ट के लिए यह रिपोर्ट जेरेमी स्काहिल और जॉश बिगले ने लिखी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2010 की पहली तिमाही में जासूसों ने हैकिंग का परीक्षण किया. उन्होंने भारत, यमन, सर्बिया, आइसलैंड और तजाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्कों को इंटरसेप्ट किया. इस दौरान जासूसों ने गेमाल्टो के मुख्य नेटवर्क को तोड़ दिया.
2011 में हैकरों ने जर्मनी, भारत, चीन, मेक्सिको, ब्राजील, कनाडा, इटली, रूस, स्वीडन, स्पेन, जापान और सिंगापुर स्थिति गेमाल्टो प्रतिष्ठानों में सेंध मारी. शक है कि ब्रिटेन और अमेरिका के जासूसों ने निर्धारित लोगों के फोन का डाटा और वॉयस कम्युनिकेशन को चुराया.
मोबाइल इनक्रिप्शन सिस्टम तक पहुंचने से खुफिया एजेंसी को विश्वव्यापी मोबाइल नेटवर्क के एक बड़े हिस्से की जासूसी करने की ताकत मिल सकती है. रिपोर्ट कहती है, "निजता की वकालत करने वाले नामी लोग और सुरक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि बड़े वायरलेस नेटवर्क की इनक्रिप्शन को चुराने वाले अब किसी इमारत के निरीक्षक जैसे हो चुके हैं, जिनके पास हर घर की चाबी है."
चौंकाने वाली खबर
सिम कार्ड बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी गेमोल्टो इस खबर से हैरान है. कंपनी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट पॉल बेवर्ली ने इंटरसेप्ट से बात करते हुए कहा, "मैं अहसज महसूस कर रहा हूं. ऐसा होने से चिंता में हूं. मेरे लिए सबसे जरूरी यह समझना है कि वाकई में यह कैसे हुआ, ताकि हम दोबारा ऐसा न होने देने के लिए जरूरी हर कदम उठाएं."
नीदरलैंड्स के नेताओं ने भी हैंकिंग की इस घटना पर चिंता जताई है. नीदरलैंड्स में हैकिंग गैरकानूनी है. डच सांसद गेरार्ड शोउव ने कहा है कि उनका देश इस मामले में जवाब मांगेगा.
अमेरिका में एफबीआई और दूसरी अमेरिकी एजेंसियां अदालत से अनुमति लेकर संदिग्ध लोगों के फोन इंटरसेप्ट कर सकती हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह करना आसान नहीं. क्रिप्टोग्राफी विशेषज्ञ मैथ्यू ग्रीन के मुताबिक डाटा बेस पर इस तरह की सेंध "फोन सुरक्षा के लिए बुरी खबर" है.
मानसी गोपालकृष्णन/ओएसजे