1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सिक्किम के नाकु-ला में चीनी घुसपैठ की कोशिश

प्रभाकर मणि तिवारी
२५ जनवरी २०२१

सिक्किम से लगी भारत-चीन सीमा पर नाकु-ला में दोनों देशों के जवानों के बीच झड़पें हुई हैं. इसमें कम से कम 20 चीनी और कुछ भारतीय सैनिकों के घायल होने की बात कही जा रही हैं.

https://p.dw.com/p/3oN9u
Indien China Grenzsoldaten Archiv 2008
फाइल तस्वीर: Diptendu Dutta/AFP/Getty Images

भारतीय सेना ने इसे मामूली झड़प बताते हुए कहा है कि इस विवाद को स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया है. हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया है कि यह झड़प उस समय हुई जब कुछ चीनी सैनिक गलवान की तर्ज पर खराब मौसम की आड़ में भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे. पहले भी उसी इलाके में नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों पक्षों में झड़प हो चुकी है.

भारत के साथ बीते साल गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच आपसी रिश्ते सामान्य बनाने की कोशिशें अब तक नाकाम होती ही नजर आ रही हैं. गलवान घाटी के बाद चीन कभी अरुणाचल प्रदेश में सक्रियता दिखाता है तो कभी भूटान सीमा में और कभी डोकलाम में. डोकलाम विवाद वैसे तो पुराना है लेकिन वहां रह-रह कर रिश्तों में तनाव पैदा होता रहा है.

Indisch-Chinesische Grenze Grenzpass
तस्वीर: Getty Images

सैनिकों की झड़प का नया मामला

यह घटना 20 जनवरी की है, लेकिन सोमवार को सेना के बयान से इसकी पुष्टि हई है. सेना के सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना की एक टुकड़ी खराब मौसम की आड़ में भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रही थी. भारतीय जवानों ने उनको जब ऐसा करने से रोका तो दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई. भारतीय जवानो के भारी पड़ने पर चीनी जवान मजबूरन पीछे हट गए. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवान घायल हो गए. सेना के एक अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, "झड़प में चीनी सेना के 20 जवान घायल हुए जबकि चार भारतीय जवानों को भी चोटें आई हैं. उक्त झड़प के बाद इलाके में भारी तनाव है. मौसम बेहद खराब होने के बावजूद भारतीय सेना ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है.” नाकु-ला वही इलाका है जहां बीते साल नौ मई को भारतीय और चीनी जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.

सिक्किम से लगी सीमा पर यह झड़प पूर्वी लद्दाख में बीते साल हुई हिंसक झड़पों के बाद सैनिकों को पीछे हटाने के मुद्दे पर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच नौवें दौर की बातचीत से ठीक पहले हुई. पंद्रह घंटे तक चली यह बैठक सोमवार तड़के खत्म हुई. इससे पहले नवंबर में हुई ऐसी बैठक में दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि नियंत्रण रेखा के पास तैनात दोनों देशों के जवानों को संयम बरतते हुए किसी गलतफहमी से बचना चाहिए.

भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम के नाकु-ला इलाके में भारतीय और चीनी जवानों के बीच हुई झड़प को मामूली बताते हुए कहा है कि स्थानीय कमांडरों ने तय प्रोटोकॉल के तहत इस मुद्दे को सुलझा लिया. सोमवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में सेना ने कहा है, 20 जनवरी को नाकु-ला में मामूली झड़प हुई थी जिसे सुलझा लिया है. मीडिया को तथ्यात्मक रूप से गलत खबरों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने से बचना चाहिए

Indien Grenzsoldat China Archiv 2008
तस्वीर: Diptendu Dutta/AFP/Getty Images

तेज होती चीनी गतिविधियां

लद्दाख की घटना के बाद भारत का ध्यान बांटने के लिए चीन कभी अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के पास रेलवे लाइन, हाइवे, ब्रिज और बांध परियोजनाओं के निर्माण का काम तेज कर रहा है. हाल में ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि उसने भारतीय सीमा में एक गांव तक बसा लिया है. सेटेलाइट तस्वीरों से इसकी पुष्टि हुई है.

इससे पहले भूटान के साथ सीमा विवाद पैदा कर उसने भारत पर दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाई थी. भूटान ने साफ कह दिया था कि पूर्वी क्षेत्र में चीन के साथ उसका कोई सीमा विवाद कभी था ही नहीं. बावजूद इसके चीन भूटान और अरुणाचल की सीमा पर स्थित उस संवेदनशील इलाके पर अपना दावा करता रहा है.

रक्षा विशेषज्ञ जी.के.दास कहते हैं, "लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन कभी चुप नहीं बैठा है. वह पूर्व से लेकर पूर्वोत्तर सीमा पर अपनी सक्रियता लगातार बढ़ा रहा है. उसकी गतिविधियों पर करीबी निगाह रखते हुए उनकी काट की दिशा में ठोस रणनीति बनाना जरूरी है."

भारत शुरू से ही कहता रहा है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव वाली जगहों से सेना को पीछे हटाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन की है. पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प के बाद एक स्वीकार्य समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक और सैन्य बातचीत जारी है.  फिलहाल वहां भारत और चीन के करीब एक लाख जवान तैनात हैं. दोनों पक्षों ने इलाके में लंबे समय तक सेना की तैनाती के संकेत दिए हैं.

थल सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे ने दो सप्ताह पहले सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की उम्मीद जताते हुए कहा था कि भारतीय सेना राष्ट्रीय लक्ष्य और मकसद को हासिल करने तक मैदान में डटी रहेगी. उन्होंने कुछ दिनों पहले लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर सेना की तैयारियों का जायजा भी लिया था.

रक्षा मंत्रालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकाधिक जगह चीनी सेना ने एकतरफा और उकसाने वाली कार्रवाई के जरिए जबरन यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन को इसका माकूल जवाब दिया गया है.

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी