सात सेकेंड की देरी से हुआ विमान हादसा
१६ मार्च २०११अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड, NTSB की रिपोर्ट के मुताबिक विमान के पालयट और को-पालयट लगातार काम कर रहे थे. उन्हें समुचित आराम नहीं मिल रहा था और न ही उनकी नींद पूरी हो पा रही थी. इसी का नतीजा रहा कि 2008 में मिनिसोटा एयरपोर्ट पर बिजनेस ट्रिप पर गया विमान हादसे का शिकार हुआ. हादसे में विमान में सवार सभी आठ लोगों की मौत हो गई.
वॉशिंगटन में सुनवाई के दौरान NTSB ने कहा कि 5,500 फुट लंबे रनवे पर उतरने के बाद पायलटों ने ब्रेक लगाने में देरी की. पायलटों को इस बात की बिलकुल जानकारी नहीं थी कि बारिश की वजह से रनवे गीला है और विमान के पिछले हिस्से से आठ नॉट प्रतिघंटा की हवा टकरा रही है. इन परिस्थितियों में लैंड करते हुए पायलटों ने सात सेंकेंड देर से ब्रेक लगाया. इसकी वजह से विमान रनवे पर रुक नहीं सका. ऐसा होता देख पायलटों ने विमान का इंजन फिर पूरी ताकत के साथ ऑन कर दिया. उन्हें लगा कि विमान दोबारा उड़ान भर लेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जेट रनवे को पार करता हुआ सीधा इमारत से जा टकराया.
NTSB रिपोर्ट के मुताबिक अगर पायलटों ने दोबारा उड़ान भरने की कोशिश नहीं की होती तो हादसा टल सकता था. विमान रनवे पार करता हुआ ज्यादा से ज्यादा 300 फुट तक ही जाता. NTSB के अध्यक्ष एपी हेर्समन ने कहा, ''उन्होंने हड़बड़ी में जोखिम भरा फैसला किया. तनावपूर्ण स्थिति की वजह से ऐसा किया गया. पायलट पूरी तरह तरोताजा नहीं थे.''
दोनों ही पायलट व्यक्तिगत रूप से बेहद पेशेवर, अनुभवी और अच्छे रिकॉर्ड वाले थे. लेकिन दोनों के तालमेल में कमी पाई गई. यह भी पता चला है कि पायलट मौसम संबंधी पुराने आंकड़ों के हिसाब से चल रहे थे. पहले कहा गया था कि मौसम साफ रहेगा लेकिन अगर उन्होंने उड़ान भरने से पहले मौसम पता किया होता तो उन्हें बारिश और तूफान की सही जानकारी मिल जाती. बारिश की जानकारी होने पर वह गीले रनवे पर लैंड करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहते. रिपोर्ट कहती है कि कई दिन से पायलट लगातार पांच घंटे से ज्यादा नहीं सो पा रहे थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम