सांपों की दिलचस्प और डरावनी दुनिया
सांप और इंसानों का रिश्ता बड़ा ही अनोखा है. धरती के ध्रुवों को छोड़कर वे हर जगह पाए जाते हैं और पाया जाता है उनका डर भी. देखिए कैसे कैसे हमारी जिंदगी से जुड़े हैं ये सरीसृप.
मशहूर, लेकिन खतरे में
जर्मनी की दवा कंपनियों के लोगो और विश्व स्वास्थ्य संगठन के झंडे पर बना सांप का यह निशान दुनिया में सबसे प्रसिद्ध है. यह असल में एस्कुलाप्नाटेर सांप है, जो जहरीला नहीं होता. फिर भी इनका आवास सिकुड़ने और गैर कानूनी व्यापार बढ़ने के कारण इनके अस्तित्व पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.
जहरीले, मगर काम के
जहरीले सांपों से कौन नहीं डरता. लेकिन सांप का जहर बहुत काम की चीज है. जर्मनी में हैम्बर्ग के पास उटरसन में यूरोप का सबसे बड़ा स्नेक फार्म है. यहां रोजाना करीब 1,500 सांपों का जहर निकाला जाता है. सांप का जहर बहुत कम मात्रा में दवा का काम करता है. इससे हाइपरटेंशन का इलाज होता है और सांप के डसने का तोड़ यानि एंटीडोट भी उसका जहर ही है.
नई खोज, नए खतरे
सांपों की नई नई किस्मों की खोज होती रहती है. जैसे कि इटली के पियमॉन्ते इलाके की अल्पाइन घाटियों में मिला "वाइपेरा वाल्सर" जो इस तस्वीर के वाइपर जैसा ही दिखता है. यह खुले घास के मैदानों में रहता है. इसके जैसे सांप पिछली सदी में ही विलुप्त हो चुके थे, यह खोज एक विलुप्त प्रजाति के वापस आने जैसी है.
टाइगर पायथन का आक्रमण
एवरग्लेड्स नेशनल पार्क में बर्मा के अजगरों की किस्म का आतंक मच गया था. ऐसे की अजगरों को अमीर लोगों ने पालतू बना कर रखा था और उनके पिंजरों से निकल कर इन अजगरों ने जानवरों और इंसानों दोनों को डराया. इन्हें जान से मारने के लिए इनाम रखा गया. शिकारियों ने केवल एक महीने में 68 अजगरों को मार डाला.
बीन पर नचाना
भारत को सपेरों का देश माने जाने की मान्यता भी सदियों पुरानी है. बीन की धुन पर सांपों को नचाते सपेरों की नियंत्रण देख पश्चिमी देश हैरत में पड़ते रहे. लेकिन सच तो ये है कि सांप बीन की धुन पर नहीं नाचता बल्कि अंधेरे डलिए से बाहर निकाला गया सांप दिन के प्रकाश में भी कुछ ठीक से देश नहीं पाता. बीन की हरकत को कोई दुश्मन समझ वह उस पर हमल करने की ताक में उसी के साथ साथ हिलता है.
धार्मिक मान्यताएं भी
डर अपनी जगह है लेकिन हिंदू मान्यता में सांप को पवित्र भी माना जाता है. कहीं वर्षा ऋतु और उर्वरता का प्रतीक तो कहीं पूर्वजों की आत्मा तक का प्रतीक माना जाता है. भारत की कई पौराणिक कथाओं में इच्छाधारी नाग-नागिनों का जिक्र मिलता है, यानि ऐसे इंसान जिनके पास सांप जैसी शक्तियां थीं. और जो जब चाहे दोनों में से कोई भी रूप ले सकते थे.
अजगर को समेटे
यूरोप में कई प्रेमी जोड़े सांपों और अजगरों को टेरेरियम में रखते हैं. इन्हें रखने के लिए फर्श को गर्म करने, प्रकाश की व्यवस्था के अलावा उसकी भूख मिटाने के लिए जिंदा जीव भी उपलब्ध कराने होते हैं. चीन के बिंगजे परिवार ने तो अजगर को अपने साथ ही रखा हुआ है. चार मीटर का यह अजगर पूरे घर में कहीं भी घूमता है.
स्नेक सूप की मांग
चीन के खानपान में सांपों की बड़ी मांग है, जहां वे विशेष मेनू का हिस्सा होते हैं. तो वहीं हांगकांग में सांप का सूप खूब पसंद किया जाता है. मान्यता है कि सांप में कई घावों को भरने के विशेष गुण होते हैं, जिससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और बीमारियां दूर होती हैं. अब इन गुणों के प्रचार के बाद मांग क्यों ना बढ़े.
सांप से मालिश करवाएंगे?
मांसपेशियों को दुरुस्त रखने और उनकी जकड़न में आराम दिलाने के लिए मसाज या मालिश के फायदे जगजाहिर हैं. लेकिन एक सांप अगर आपकी मसाज करे तो क्या आप करवाएंगे? इंडोनेशिया में कुछ खास वेलनेस प्रोग्रामों में सांपों का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे बाली की इस तस्वीर में अजगर से पीठ की मसाज करवाई जा रही है.