सरकार हिलाने वाली पत्रकार की हत्या
१७ अक्टूबर २०१७53 साल की , जिस कार को चला रही थीं, उसमें बम रखा गया था. कार जैसे ही माल्टा के बिदनिजा पहुंची, वैसे ही उसमें धमाका हुआ और गालिजिया की मौत हो गई. मौत से ठीक आधे घंटे पहले ही उन्होंने माल्टा के प्रधानमंत्री के चीफ स्टाफ कीथ शेम्बरी के खिलाफ एक ब्लॉग लिखा था. ब्लॉग में शेम्बरी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे. हत्याकांड से एक महीने पहले ही कारुआना गालिजिया ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से शिकायत की थी.
खोजी पत्रकार कारुआना गालिजिया के ब्लॉग से माल्टा की सरकार हिल गई. एक ब्लॉग में उन्होंन माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मसकट की पत्नी और ऊर्जा मंत्री मिशेले पर पनामा की गुप्त कंपनियों में पैसा छुपाने का आरोप लगाया. यह पैसा अरजरबैजान के सत्ताधारी परिवार की तरफ से ट्रांसफर किया गया था. पैसा ट्रांसफर करने की वजह सामने नहीं आई. उनके इस ब्लॉग के बाद माल्टा में राजनीतिक संकट पैदा हो गया.
मसकट ने धांधली से इनकार किया और जून में फिर से चुनाव करवाये. चुनाव में उनकी लेबर पार्टी की जीत हुई और मसकट दूसरी बार प्रधानमंत्री बने.
मसकट ने कारुआना गालिजिया की हत्या की निंदा की है, "एक व्यक्ति और हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हुए इस बर्बर हमले की मैं निंदा करता हूं. हर कोई जानता है कि मिस कारुआना गालिजिया औरों की तरह, राजनीतिक और व्यक्तिगत तौर पर मेरी सबसे मुखर आलोचकों में से एक थीं. लेकिन इसके बावजूद मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा, यह बर्बरतापूर्ण हरकत इंसानियत और मर्यादा के खिलाफ है."
मसकट के मुताबिक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को हत्यारों को पकड़ने के निर्देश दिये गए हैं. विपक्षी के नेता आद्रियान डेलिया ने हत्याकांड को "लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी का पतन" करार दिया है. माल्टा के एक और विपक्षी नेता सिमोन बुसुटिल ने कहा है कि देश का लोकतंत्र खतरे में है.
(दुनिया के सबसे भ्रष्ट देश)
ओएसजे/एनआर (एपी, डीपीए, एएफपी)