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समझौते के बाद रूस पर सेना हटाने का दबाव

१६ अगस्त २००८

जॉर्जियाई शांति समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद रूस पर जॉर्जिया से अपने सैनिकों को हटाने का चौतरफा दबाव है, लेकिन रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि समझौते में सेना हटाने के लिए कोई निश्चित कार्यक्रम नहीं दिया गया है.

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रूसी राष्ट्रपति ने किए समझौते पर हस्ताक्षरतस्वीर: AP

जर्मनी और अमेरिका ने रूस से कहा है कि वह तुरंत जॉर्जिया से अपनी सेना हटाए. अलगाववादी इलाके दक्षिणी ओसेतिया और अबखाजिया के अलावा जॉर्जिया के दूसरे बड़े हिस्से पर अब भी रूसी सैनिकों का नियंत्रण है. लेकिन उधर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव ने कहा है कि युद्धविराम में सैनिकों की वापसी का कोई कार्यक्रम पेश नहीं किया गया है. इसलिए रूसी सैनिक ''सुरक्षा उपाय'' होने तक जॉर्जिया में बने रहेंगे.

Kämpfe um Südossetien russische Soldaten
जॉर्जिया के बड़े हिस्से पर अब भी रूसियों का नियंत्रणतस्वीर: picture-alliance /dpa

युद्धविराम पर शनिवार को उस वक्त फिर सवाल उठने लगे जब जॉर्जिया के गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि रूसी सैनिकों ने राजधानी त्बिलिसी से कोई 45 किलोमीटर दूर एक अहम रेलवे पुल को उड़ा दिया है जिससे देश का रेल यातायात चरमरा गया है. हालांकि रूस की तरफ से इस दावे का खंडन किया गया है. रूस के उपसेना प्रमुख ने यह जरूर कहा है कि दक्षिणी ओसेतिया में कुछ जॉर्जियाई खुराफातियों से झडप हुई है जो रूसी सैनिकों को निशाना बना रहे थे.

इस बीच रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने शांति के लिए यूरोपीय योजना पर हस्ताक्षर किए. जॉर्जियाई राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली शुक्रवार को ही अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिसा राइस की मौजूदगी में इस पर दस्तख्त कर चुके हैं. इस मौके पर राइस ने जमकर जॉर्जिया की तरफदारी की. उन्होंने कहा कि जॉर्जिया पर हमला किया गया. रूसी सेनाओं को तुरंत जॉर्जिया से चले जाना चाहिए. और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जॉर्जिया की मदद करनी चाहिए ताकि वह अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रा को बनाए रख सके.

Russland Deutschland Angela Merkel bei Dimitri Medwedew in Sotschi
मेद्वदेव से मुलाकात में मैर्केल सुनाई खरी खरीतस्वीर: AP

उधर जर्मन सरकार ने शांति योजना को जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया है. रविवार को त्बिलिसी में राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली से जर्मन चांसलर मैर्केल की मुलाकात से पहले जर्मनी का कहना है कि युद्धविराम मजबूत और स्थाई होना चाहिए. शुक्रवार को मैर्केल ने रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव से मुलाकात की और साफ कहा कि जॉर्जिया से रूसी सैनिकों को तुरंत हटाया जाना चाहिए. इस बीच जर्मन पत्रिका श्पीगल के ताजा अंक में छपे इंटरव्यू में साकाश्विली ने आरोप लगाया है कि रूस उनकी सरकार को गिराना चाहता है, जबकि श्पीगल के साथ बातचीत में ही पूर्व जर्मन चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर ने ताजा तनाव के लिए साकाश्विली को जिम्मेदार बताया है. बतौर चासंलर सात साल के कार्यकाल में श्रोएडर के संबंध तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से काफी नजदीकी रहे.