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सबसे ज्यादा हथियार खरीदता है शांति दूत भारत

१४ मार्च २०११

दुनिया में शांति के दूत और विश्व गुरु के रूप में जाने का दंभ भरते भारत का नया चेहरा यह है कि उसने पांच साल में सबसे ज्यादा हथियारों का आयात किया है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट कहा गया है कि भारत सबसे बड़ा हथियार आयातक है.

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तस्वीर: AP

स्टॉकहोम के इंटनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट ने यह रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है, "2006 से 2010 के बीच हथियारों को जितना भी लेन देन हुआ, उसका नौ फीसदी हिस्सा भारत को गया. भारत के आयात का 82 फीसदी रुस से आया."

अगर पिछले पांच साल से पहले से तुलना की जाए तो भारत के हथियार आयात में 21 फीसदी का उछाल आया है. उसके आयात का 71 फीसदी हिस्सा विमानों का है.

Indischer Soldat mit Bofor Waffe
बोफोर्स तोपतस्वीर: AP

भारत के बाद

हथियार खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर चीन और दक्षिण कोरिया एक साथ खड़े हैं. दोनों ने कुल हथियार आयात का छह छह फीसदी हासिल किया. तीसरे नंबर पर भारत का पड़ोसी पाकिस्तान है जो दुनिया कुल हथियार आयात के पांच फीसदी पर काबिज है. लेकिन 2001-06 की तुलना अगर 2006-10 से की जाए तो पाकिस्तान ने कमाल की तरक्की की है. बीते पांच साल में उसका हथियार आयात 128 फीसदी उछला है.

इंस्टिट्यूट के हथियार हस्तांतरण कार्यक्रम के सिमोन वेजेमान बताते हैं कि भारत के पारंपरिक हथियारों के आयात की प्रमुख वजह पाकिस्तान और चीन के साथ संबंधों में तनाव के अलावा सुरक्षा की आंतरिक चुनौतियां भी हैं. उन्होंने कहा, "एक आयातक के तौर पर भारत अब तकनीक की मांग कर रहा है ताकि वह अपने घरेलू हथियार उद्योग को बढ़ावा दे सके. चूंकि कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा हो गया है इसलिए हथियार निर्यातक भारत की इन मांगों के आगे झुक रहे हैं."

अमेरिका बेताज बादशाह

रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य साजो सामान के निर्यात का बेताज बादशाह अमेरिका ही है. 2006 से 2010 के बीच दुनिया में जितने हथियार बेचे गए, उसका एक तिहाई अमेरिका से ही आया. उसके हथियारों का 44 फीसदी हिस्सा एशिया और ओशेनिया को गया.

अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए इंस्टिट्यूट ने कहा कि हथियारों के निर्यात को लेकर देशों और कंपनियों के बीच कड़ा मुकाबला रहा. क्रांति के दौर से गुजर रहे उत्तरी अफ्रीका और अरब जगत के मुल्कों को ये हथियार निर्यातक बड़े और संभावित बाजारों के तौर पर देखते हैं.

क्रांति में बाजार

अपनी रिपोर्ट में स्टॉकहोम के इंस्टिट्यूट ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान संयुक्त अरब अमीरात, इस्राएल, मिस्र और अल्जीरिया में हथियार निर्यात की दर काफी ऊंची रही. इंस्टिट्यूट ने आने वाले सालों में सऊदी अरब और मोरक्को के आयात में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

रिपोर्ट में संकटग्रस्त लीबिया का भी जिक्र किया गया है. इंस्टिट्यूट का कहना है कि लीबिया को हथियार बेचने की होड़ लगी हुई है. पीटर वेजेमान ने कहा, "2003 में संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया पर हथियारों का प्रतिबंध हटाया. उसके बाद से पारंपरिक भारी हथियारों को खरीदने के मामले में लीबिया ज्यादा सक्रिय नहीं रहा. लेकिन हाल के सालों में फ्रांस, इटली, रूस और ब्रिटेन जैसे बड़े हथियार निर्यातकों के बीच उसे हथियार बेचने के लिए कड़ा मुकाबला हुआ है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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