सज्जन कुमार के खिलाफ गंभीर आरोप तय
२९ मई २०१०सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सज्जन कुमार ने भीड़ को हिंसा के लिए भड़काया. सीबीआई के दावे के आधार पर अदालत ने कहा, ''यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि 31 अक्टूबर 184 के बाद तीन दिन तक हुई हिंसा आरोपी सज्जन कुमार की साजिश और भड़काउ भाषणों का परिणाम थी.''
अतिरिक्त सेशन जज ने कहा, ''कुमार ने भीड़ को भड़काया और अन्य आरोपियों ने गैर कानूनी ढंग से इकट्ठा होकर कई हत्याएं, लूटपाट और आगजनी की.'' आरोप तय होने के बाद मामले की सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. एक जुलाई को गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे.
इससे पहले 22 मई को मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सेशन जज वीके गोयल ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था. जज ने निजी कारणों का हवाला देते हुए ऐसा किया. पूर्वी दिल्ली के सांसद रह चुके सज्जन कुमार को निचली अदालत पहले ही क्लीन चिट दे चुकी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस की एक एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने दोबारा मामला दर्ज किया और अब सज्जन कुमार मुश्किल में नजर आ रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी करने का आदेश दे चुका है. सीबीआई के वकीलों का कहना है कि उनके पास सज्जन कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. यही वजह रही कि शुक्रवार को अदालत ने भी कांग्रेसी नेता के खिलाफ आरोप तय कर दिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे