सजा के खिलाफ अपील करेंगे जॉन अब्राहम
१६ अक्टूबर २०१०भारत के सबसे हैंडसम हंकों में गिने जाने वाले 37 साल के जॉन अब्राहम ने कहा, ''मैं एक लोकप्रिय व्यक्ति हूं और सादगी से कहूं तो बड़ी संख्या में युवा मुझे आदर्श की तरह देखते हैं. मैं नहीं चाहता हूं कि उनके सामने ऐसा संदेश जाए कि जब कुछ गलत हो, तो उससे मुंह मोड़ा जाए.''
मुंबई में यह बयान जारी करते वक्त जॉन ने कहा, ''मैं फैसले की पूरी समीक्षा कर रहा हूं. मुझे सुझाव दिया गया कि फैसले के खिलाफ अपील के अच्छे चांस हैं.'' ब्रांदा के मजिस्ट्रेट ने गुरुवार को जॉन को खतरनाक और लापरवाही से गाड़ी चलाने का दोषी करार दिया था. उन्हें 15 दिन की सजा सुनाई गई. 1,500 रुपये का जुर्माना भी ठोका गया. हालांकि अदालत ने तुरंत उन्हें 1,500 रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया.
बाइक चलाने के शौकीन जॉन सात अप्रैल 2006 को हुई एक दुर्घटना के आरोपी है. उनकी मोटरसाइकिल स्लिप कर गई, हादसे में जॉन और दो राहगीरों को चोटें आईं. हादसे के बाद जॉन दोनों घायलों तन्मय माझी (19) और श्याम कासबे (22) को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. दो साल बाद कासबे की मौत टीवी की वजह से हुई. खार पुलिस ने इस मामले में जॉन अब्राहम पर आईपीसी की धारा 279 और धारा 337 के तहत मामला दर्ज किया था.
सड़क पर खतरनाक ड्राइविंग के अपराध में अधिकतम सजा छह महीने है. लेकिन अदालत ने जॉन के मामले में नरमी बरती क्योंकि हादसा होने के बाद वह भागे नहीं. उन्होंने घायल साइकल वालों को अदालत पहुंचाया जबकि उन्हें खुद भी चोटें आई थीं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार