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सचिन के बैट के दीवाने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी

४ फ़रवरी २०११

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर मैथ्यू हेडन का कहना है कि 1998 में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सचिन के उस खास बल्ले को लेकर दीवाने हो गए थे जिससे सचिन ने शेन वॉर्न की गेंदों की धुनाई की थी. उन्होंने जमकर इस बल्ले की नकल खरीदीं.

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तस्वीर: AP

अपनी आत्मकथा स्टैंडिंग माई ग्राउंड में हेडन ने लिखा है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बल्लों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं. इसी प्यार ने उन्हें 1998 में सचिन के बल्ले की नकल बनाने को मजबूर कर दिया और ब्रिसबेन की फैक्ट्री में इसकी नकल तैयार की गई.

Indien und Australien Cricket Testspiel
मैथ्यू हेडन (बीच में)तस्वीर: AP

हेडन लिखते हैं, "1998 के भारत दौरे पर सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की जमकर धुनाई की थी. इसके बाद तो टीम उस बल्ले की ऐसी दीवानी हुई कि कम से कम आठ खिलाड़ियों ने उस मशहूर बैट की नकल खरीदी. ब्रिसबेन की कंपनी गाबा स्पोर्टिंग प्रॉडक्ट्स ने उस बल्ले का खास वर्जन भी बनाया."

बैट के दीवाने कंगारू

2009 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले बलशाली शरीर के मालिक हेडन ने लिखा है कि सचिन का बल्ला उनके लिए भी भारी था. उन्होंने लिखा, "यह बल्ला तो इतना भारी है कि सचिन के लिए भी इसका वजन ज्यादा है. अपने करियर में एक वक्त पर सचिन को टेनिस एल्बो से जूझना पड़ा और ऐसा माना गया कि इसके लिए उनका भारी बल्ला ही जिम्मेदार है."

बैट को लेकर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की दीवानगी के बारे में हेडन ने कई दिलचस्प खुलासे किए हैं. मसलन वह कहते हैं कि रिकी पोंटिंग तो बल्लों को बर्बाद करने वाला इंसान है क्योंकि वह हमेशा दूसरों के बल्ले ट्राई करता है. हेडन बताते हैं कि माइक हसी हर जगह वजन करने वाली मशीन लेकर जाते हैं ताकि उनके बल्ले का वजन सही रहे.

मंगूज की याद

103 टेस्ट मैचों में 8625 रन बनाने वाले हेडन ने दावा किया कि वह खुद कभी बैट को लेकर दीवानगी की हद तक नहीं गए लेकिन उन्होंने आईपीएल में चेन्नै सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए छोटा सा मंगूज बैट इस्तेमाल करके सनसनी फैला दी थी. इस बारे में वह लिखते हैं, "मैंने उससे पहले कभी किसी ब्रैंड के नाम को इतनी तेजी से फैलते नहीं देखा. मंगूज में टीम के मेरे साथियों की भी खासी दिलचस्पी थी. हर कोई उसे उठाकर देखता और उससे खेलता. जब मैं प्रैक्टिस करता तो सब उसकी ओर देखते रहते."

मंगूज को लेकर चेन्नै के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी तो काफी डरे हुए थे. हेडन ने किताब में बताया है कि धोनी ने उनसे मंगूज इस्तेमाल न करने को कहा था. वह लिखते हैं, "धोनी ने जब बैट को देखा तो मुझसे पूछा कि क्या मैं इसे इस्तेमाल करूंगा. मैंने कहा, अभी मुझे नहीं पता. इस पर धोनी ने कहा कि तुम मेरे बैग में से जो चाहे बैट ले लो लेकिन इसे इस्तेमाल मत करो."

मंकीगेट विवाद

भारत के 2008 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बारे में भी हेडन ने कई खुलासे किए हैं. यह दौरा काफी विवादों में रहा था. हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच हुए विवाद ने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था. हेडन लिखते हैं कि उन्होंने हरभजन सिंह के मुंह से मंकी जैसी आवाज सुनी थी. उन्होंने लिखा है, "मंकी नाम से साइमंड्स को 2007 के भारत दौरे पर चिढ़ाया जाता रहा. मंकीगेट विवाद को उन पर गहरा असर हुआ. इसके लिए हरभजन सिंह पर आधी मैच फीस का जुर्माना लगाया गया. बाद में आईसीसी के अपील कमिश्नर जॉन हैन्सन ने माना कि अगर उन्हें हरभजन सिंह की बाकी हरकतों का भी पता होता तो वह उन्हें और कड़ी सजा देते."

हेडन ने लिखा है कि भारत क्रिकेट का सबसे बड़ा बाजार है और दोनों पक्ष इस बात को समझ रहे थे कि ऐसा कोई नतीजा स्वीकार नहीं किया जा सकता जिससे दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों पर असर पड़े, लेकिन इसकी वजह बाजार थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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