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संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी को शिनजियांग कितना दिखायेगा चीन

२४ मई २०२२

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख चीन के शिनजियांग का दौरा कर रही हैं. चीन का कहना है कि इस दौरे से उइगुर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार की जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उन्हें लेकर भ्रम दूर हो जायेंगे.

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शिनजियांग प्रांत में बना हिरासत केंद्र
शिनजियांग प्रांत में बना हिरासत केंद्रतस्वीर: Ng Han Guan/AP Photo/picture alliance

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी पर 10 लाख से ज्यादा उइगुर और दूसरे अल्पसंख्यक मुसलमानों को सुदूर पश्चिमी हिस्से में हिरासत में रखने का आरोप है. आरोप यह भी है कि उनके खिलाफ बीते कई सालों से कार्रवाई चल रही है जिसे अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के सांसद "नरसंहार" की संज्ञा देते हैं. चीन इन आरोपों से साफ इनकार करता है और उन्हें "शताब्दी का झूठ" करार देता है.

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेशलेट मंगलवार और बुधवार को इस इलाके में रहेंगी. इस दौरान वह उरुमकी और काशगर जायेंगी.

शिनजियांग के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. दोनों की मुलाकात के बाद जारी बयान के मुताबिक वांग यी ने भी, "उम्मीद जताई है कि उनका यह दौरान समझ और सहयोग बढ़ाने में मददगार होगा."

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उइगुरों का संदेह

हालांकि इस दमन के मुख्य पीड़ित रहे उइगुरों ने संदेह जताया है कि उम्मीद के मुताबिक उनके दौरे पर काफी ज्यादा सरकार का नियंत्रण रहेगा ऐसे में उनके होने का क्या ही फायदा होगा. तुर्की में रहने वाली उइगुर नुर्सीमांगुल अब्दुरशीद ने कहा कि उन्हें, "इस दौरे से किसी बदलाव की बहुत उम्मीद नहीं है. मैं उनसे आग्रह करूंगी कि वो मेरे परिवार के सदस्यों जैसे पीड़ित लोगों से मिलें, ना कि चीनी सरकार के पहले से तैयार नजारे को देखें. अगर संयुक्त राष्ट्र की टीम को शिनजियांग में बेरोक-टोक पहुंच नहीं मिलती तो मैं उनकी इस तथाकथित रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करूंगी."

मिशेल बेशलेट शिनजियां का दौरा कर रही हैं
मिशेल बेशलेट शिनजियां का दौरा कर रही हैंतस्वीर: Fabrice Coffrini/AFP

एक और उइगुर जेवलान शीरेमेमेत ने बैशलेट से मांग की है कि वो उनकी मां से मिलें जिनसे उनकी चार साल से मुलाकात नहीं हुई है. तुर्की में रहने वाले 31 साल के शीरेमेमेत प्रांत के उत्तरी हिस्से के वासी हैं जो कजाखास्तान की सीमा के पास है. उन्होंने भी यह उम्मीद जताई कि बेशलेट तय कार्यक्रम के अलावा भी कुछ जगहों पर जायेंगी.

उरुमकी और काशगर

क्षेत्रीय राजधानी उरुमकी में सरकार की कई एजेंसियों के दफ्तर हैं. माना जाता है कि चीन ने जिस कथित धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ अभियान चलाया है उसमें इन एजेंसियों की भी भूमिका है. करीब 40 लाख की आबादी वाले शहर में उउगुर समुदाय के लोगों की एक बड़ी तादाद है. 2009 में यह कई घातक जातीय झड़पों का गवाह बना इसके साथ ही 2014 में भी यहां दो बड़े हमले हुए.

दूसरी तरफ करीब सात लाख लोगों की आबादी वाला काशगर दक्षिण शिनजियांग में उइगुरों का गढ़ है. प्राचीन सिल्क रूट का हिस्सा रहा ये शहर चीनी कार्रवाई का मुख्य निशाना रहा है. रिसर्चरों और सामाजिक कार्यकर्ता आरोप लगाते हैं कि अधिकारियों ने इस सांस्कृतिक केंद्र को अत्यधिक और उच्चस्तरीय सुरक्षा वाले शहर में बदलने के साथ ही उइगुरों के मकान और धार्मिक केंद्र ढहा दिए हैं.

माना जाता है कि दोनों शहरों के बाहरी हिस्से में हिरासत शिविर मौजूद हैं. ये विशाल शिविर हाल के वर्षों में ही बनाये गए हैं और यह प्रांत के सुदूर हिस्सों में भी मौजूद हैं.

शिनजियांग के इस्लामिक सेंटर में उइगुर और दूसरे छात्र
शिनजियांग के इस्लामिक सेंटर में उइगुर और दूसरे छात्रतस्वीर: Mark Schiefelbein/AP/picture alliance

कितना सच देख पायेंगी बेशलेट

चीन की कथित कार्रवाई के खिलाफ अभियान चलाने वालों का कहना है कि चीनी अधिकारी बेशलेट को अधिकारों के कथित उल्लंघन की पूरी जांच करने से रोकेगी और उन्हें सरकार के दिशा निर्देशों पर तैयार चीजों को ही देखने जानने का मौका मिलेगा.

इंटरनेशनल सर्विस फॉर ह्यूम राइट्स के राफायल डेविड का कहना है, "हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस यात्रा का पीड़ितों और कार्यकर्ताओं को बहुत कम ही फायदा मिलेगा. लेकिन इसकी राजनीतिक कीमत बहुत ज्यादा होगी. अमेरिका ने भी कहा कि वह बहुत चिंतित है कि क्या देखना है इसके लिए बेशलेट ने गारंटी हासिल नहीं की है. इसके साथ ही यह भी कहा है कि उन्हें चीन में अधिकारों की स्थिति पर बिना किसी छेड़छाड़ के कोई तस्वीर देखने को मिले, इसके आसार भी बहुत कम हैं.

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बेशलेट ने सोमवार को चीन में दर्जनों कूटनीतिक मिशनों के साथ वर्चुअल मीटिंग में भरोसा दिलाया कि हिरासत केंद्रों तक वो जा सकेंगी और मानवाधिकारों की रक्षा में जुटे लोगों से मुलाकात करेंगी. डेविड के मुताबिक, "बेशलेट को यह समझने की जरूरत है कि संयुक्त राष्ट्र पर दुनिया का भरोसा दांव पर है और एक ताकतवर देश में मानवाधाकिरों के संकट पर उनके अपने कार्यालय के कदम उठाने की कितनी क्षमता है. " बेशलेट के ऑफिस ने यह भी कहा है कि वह नागरिक संगठनों, कारोबारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों से भी मुलाकात करेंगी.

शिनजियांग में चीनी सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती है
शिनजियांग में चीनी सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती हैतस्वीर: Chinatopix/AP

रिसर्चरों और सरकार की कार्रवाई का विरोध करने वालों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लेने के अलावा चीन की सरकार ने जबरन मजदूरी, डरा धमका कर बधियाकरण और शिनजियांग में उइगुरों की सांस्कृतिक विरासत को खत्म करने का भी अभियान चला रखा है.

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देश के बाहर रहने वाले उइगुरों ने हाल के हफ्तों में बेशलेट के दौरे के लिए कई तरह से दबाव बना रहे थे. आखिरकार बेशलेट की यात्रा शुरू हुई. मंगलवार को यह यात्रा शुरू होने के ठीक पहले शिनजियांग पुलिस फाइल्स के नाम से कुछ लीक हुए दस्तावेज सामने आये हैं. इनमें शिनिजियांग सिस्टम के अंदर के ऐसे हजारों लोगों की तस्वीरें हैं जिन्हें हिरासत में लिया गया है. इसे मीडिया के एक कंसोर्टियम ने जारी किया है. इनमें उइगुरों के चेहरे वाली भी कई तस्वीरें हैं. एक युवा जो हिरासत में लिये जाने तक सिर्फ 15 साल का था, उसकी भी तस्वीर सामने आई है. इस महीने की शुरुआत में एएफपी को मिले पुलिस डाटाबेस में हजारों ऐसे लोगों के ब्यौरे दर्ज हैं जिन्हें हिरासत में रखा गया.

एनआर/आरएस (एएफपी)

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