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श्रीसंत गुस्से में रहें तो बेहतर: जयवर्धने

१३ अप्रैल २०११

कोच्चि के कप्तान महेला जयवर्धने का कहना है कि श्रीसंत अपने आक्रामक अंदाज में रहें तो बढ़िया गेंदबाजी करते हैं. आम धारणाओं और नसीहतों के उलट जयवर्धने ने श्री को मैदान पर अपनी गर्मी बनाए रखने की सलाह दी है.

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तस्वीर: AP

कोच्चि टस्कर्स केरल के कप्तान महेला जयवर्धने ने साफ किया कि टीम श्रीसंत को काबू में करने में बिल्कुल कोशिश नहीं करेगी. अपने गुस्सैल मिजाज के कारण श्रीसंत अक्सर विवादों का शिकार होते रहे हैं. खुद भारतीय टीम के कप्तान और कई पूर्व गेंदबाज भी श्रीसंत को दिमाग ठंडा रखने की नसीहत दे चुके हैं.

लेकिन आईपीएल में श्रीसंत के कप्तान जयवर्धने कहते हैं, ''मुझे लगता है कि आपको हर किसी को व्यक्तिगत रूप से देखना चाहिए. श्री अपने स्वाभाविक अंदाज में बढ़िया प्रदर्शन करते हैं. अगर आप उनसे इस स्वभाव को छीन लेंगे तो वह बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे. वह बहुत आक्रामक गेंदबाज हैं.''

जयवर्धने के मुताबिक बीते एक साल में श्रीसंत ने अपने मिजाज को ठंडा किया है. इस वजह से उन्हें मौके तो मिले हैं लेकिन उनकी गेंदबाजी की धार कमजोर पड़ी है. जयवर्धने ने कहा, ''मिजाज ठंडा करने के बाद उन्हें वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में जगह मिली. लेकिन हम चाहते हैं कि वह आक्रामक ही बने रहें. यही उनकी पहचान है. आपको उनके जैसे किरदार की जरूरत रहती है.''

इसमें कोई शक नहीं है कि श्रीसंत प्रतिभाली गेंदबाज हैं. उनके पास अच्छी गति, स्विंग और उछाल का कातिलाना मिश्रण रहता है. लेकिन मैदान पर अपने गुस्सैल और दूसरों को चिढ़ाने वाले रुख की वजह से श्रीसंत अक्सर अंपायर और मैच रेफरी के निशाने पर आते हैं. कई बार श्री के व्यवहार के चलते कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी डांट खानी पड़ी है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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