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श्रीलंकाई बोर्ड पर भड़की बीसीसीआई

२१ अप्रैल २०११

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की है. बीसीसीआई ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों के बीच आईपीएल से वापस जाने को गैरजरूरी बताया है. खिलाड़ियों और क्रिकेट श्रीलंका का पैसा रोकने की भी तैयारी.

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तस्वीर: UNI

श्रीलंकाई टीम को मई में इंग्लैंड के दौरे पर जाना है. श्रीलंकाई बोर्ड चाहता है कि खिलाड़ी आईपीएल से वापस आएं और इंग्लैंड दौरे के लिए अभ्यास में जुट जाएं. कप्तानी तिलकरत्ने दिलशान को सौंपी गई है. कप्तानी में हुए बदलाव के बाद श्रीलंकाई बोर्ड की यह दलील और भी ज्यादा ठोस लगती है.

लेकिन इस वक्त 11 श्रीलंकाई खिलाड़ी आईपीएल की अलग अलग टीमों की जान बने हुए हैं. ऐसे में उनके वापस लौटने से आईपीएल की टीमों के समीकरण बिगड़ जाएंगे. बीसीसीआई को यही बात चुभ रही है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि श्रीलंकाई खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे की परवाह किए बिना आईपीएल में धूम धड़ाका मचाते रहें.

बातचीत और बीच का रास्ता निकालने की कोशिशें भी खूब हुईं. लेकिन मामला सुलझता न देख बीसीसीआई ने अब क्रिकेट श्रीलंका की आलोचना शुरू कर दी है. बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, ''हमारे मुताबिक श्रीलंकाई क्रिकेटरों को यहां 21 मई तक रहना है. उन्होंने ऐसा वादा किया था, टीमों को भी यही लग रहा है. लेकिन अब वे जल्दी जाना चाहते हैं और यह ठीक नहीं है.''

शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष और क्रिकेट श्रीलंका के बीच अब भी बातचीत जारी है लेकिन तय कुछ नहीं हो सका है. क्रिकेट श्रीलंका अपने खिलाड़ियों से 15 मई तक देश वापस लौटने को कह चुका है. आईपीएल में इस वक्त लसित मलिंगा, महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, सूरज रंदीव और तिलकरत्ने दिलशान जैसे खिलाडी़ खेल रहे हैं.

वहीं ऐसी खबरें भी हैं कि अगर श्रीलंकाई खिलाड़ी जल्दी लौटे तो बीसीसीआई एक और सख्त कदम उठा सकती है. बोर्ड आईपीएल की टीमों से खिलाड़ियों की बकाया तनख्वाह रोकने को कहेगा. उस स्थिति में श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड को भी हर खिलाड़ी पर मिलने वाली 10 फीसदी राशि नहीं मिलेगी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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