श्रीनगर में हालात बिगड़ने के बाद सेना तैनात
७ जुलाई २०१०आरोप है कि इन झड़पों के दौरान पुलिस गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 70 लोग घायल हो गए. इसके बाद से ही श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया.
सेना की तैनाती का फैसला मंगलवार देर रात लिया गया, क्योंकि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तादाद कम पड़ रही है. अमरनाथ यात्रा के लिए काफी बड़ी संख्या में राज्य पुलिसबल तैनात किए गए हैं. इसके अलावा आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में पुलिस के जवान लगे हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव एसएस कपूर ने स्थानीय सेना मुख्यालय को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना तैनाती की औपचारिक अर्जी भेजी थी.
कश्मीर घाटी में हाल के दिनों में शांति का माहौल था और समझा जा रहा था कि घाटी धीरे धीरे सामान्य हो रही है. लेकिन पिछले महीने से हिंसा का दौर एक बार फिर भड़क उठा और तीन चार हफ्तों में 14 लोगों की मौत फायरिंग और झड़पों में हो गई.
इस दौरान हुर्रियत और कई दूसरे अलगाववादी संगठनों ने बंद की अपील की, जिस दौरान स्थिति और खराब हुई. उमर अब्दुल्लाह के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में पहली बार इस तरह की स्थिति सामने आई है. उन्होंने कई बार हिंसा भड़काने वाले तत्वों से बेहद सख्ती से निपटने की जरूरत पर जोर दिया था. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री खुद भी सेना की तैनाती के खिलाफ नहीं हैं, जिससे सिर्फ राज्य पुलिस पर सवाल न खड़े किए जा सकें.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः ए जमाल