श्रीनगर में नहीं थमे प्रदर्शन, तीन और मौतें
६ जुलाई २०१०पुलिस ने राजधानी श्रीनगर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है लेकिन प्रदर्शनों का सिलसिला नहीं रूक पा रहा है. मंगलवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहे लेकिन भीड़ ने सड़क पर उतर कर सीआरपीएफ पर पथराव किया. जवाब में हुई गोलीबारी में 30 साल के फैयाज वानी की मौत हो गई है और एक अन्य युवक घायल हो गया. सीआरपीएफ ने फायरिंग से इनकार करते हुए कहा है कि उसकी ओर से आंसूगैस के गोले ही छोड़े गए थे.
25 साल की महिला की मौत भी उस इलाके में हुई जब सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. पुलिस के मुताबिक भीड़ पुलिस स्टेशन पर धावा बोल रही थी. एक अन्य युवक की भी मौत होने की रिपोर्टें हैं.
सोमवार को हुए प्रदर्शनों में भी प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. उसी का विरोध करने के लिए भीड़ मंगलवार को सड़कों पर उतरी और उसने भारत विरोधी नारे लगाए. प्रदर्शनकारी 'खून का बदला खून' और आजादी की मांग के समर्थन में नारे लगा रहे थे.
पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने की कोशिश की जिसमें फैयाज वानी की मौत हुई. मंगलवार को जिस युवक की मौत के विरोध में प्रदर्शन हुए वह सोमवार को लापता हो गया था और बाद में उसकी लाश नाले में पड़ी मिली.
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर सरकार में वरिष्ठ मंत्री नसीर असलम के काफिले पर पथराव किया. पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों का पीछा किया. उसी इलाके में रहने वाले लोगों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि पुलिस से बचकर भाग रहा युवक मुजफ्फर बट नाले में डूब गया. हालांकि प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
11 जून से श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनों की शुरुआत तब हुई जब आंसू गैस के गोले से 17 वर्षीय छात्र मारा गया. उसके बाद से हो रहे हिंसक प्रदर्शनों में 12 आम नागरिकों की जान जा चुकी है. हर नई मौत से घाटी में प्रदर्शनों का सिलसिला नई रफ्तार पकड़ रहा है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने जनता से संयम और धैर्य की अपील की है लेकिन वह अभी बेअसर ही साबित हुई है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि हाल के दिनों में हुई मौतों की जांच कराई जानी चाहिए. संगठन के मुताबिक गलत कदम उठाने वाले सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों को कानून के दायरे में लाना चाहिए. संगठन ने सुरक्षा बलों से जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग से परहेज करने की अपील की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम