शौरी से सिर्फ सफाई मांग सकी बीजेपी
२५ अगस्त २००९एक झटके में जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता को पार्टी से निकाल बाहर करने के कारण बीजेपी को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा. यही वजह है कि शौरी के मामले में पार्टी एहतियात बरत रही है.
सोमवार को टीवी इंटरव्यू और संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर ज़बरदस्त हमला बोलने के बावजूद मंगलवार की शाम उनसे केवल अपनी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया. पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने स्पष्ट किया कि शौरी को कोई नोटिस नहीं भेजा गया है.
मंगलवार की रात पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अरुण शौरी ने कहा कि यदि उनकी टिप्पणियों में कोई अस्पष्टता है तो वह पार्टी अध्यक्ष तथा अन्य नेताओं के सामने उसका स्पष्टीकरण कर देंगे.
इससे पहले सोमवार को शौरी ने बीजेपी को कटी पंतग बताते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के ख़िलाफ़ खुलकर हमले किए थए. उन्होंने यहां तक कहा कि अब आरएसएस को बीजेपी की डोर अपने हाथ में ले लेनी चाहिए. शौरी के इस बयान से आरएसएस भी ख़ुश है. माना यह भी जा रहा है कि आरएसएस की वजह से भी बीजेपी अरुण शौरी के प्रति इतनी नरमी बरत रही है.
हालांकि सार्वजनिक रूप से आरएसएस ने शौरी के सुझाव को ठुकरा दिया है. आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि संघ का काम राजनीतिक पार्टी चलाना नहीं है. उसके कार्यकर्त्ता राजनीति में हैं और यदि वे उससे मदद या सलाह माँगेंगे तो वह ज़रूर दी जाएगी. लेकिन अपना काम तो उन्हें ही करना होगा.
उधर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने अभी तक पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के इस निर्देश पर अमल नहीं किया है कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें. मंगलवार को नई दिल्ली में राजनाथ सिंह के साथ उनकी मुलाक़ात बेनतीजा रही और वह जयपुर चली गयीं. बीजेपी का आतंरिक संकट जल्दी दूर होता नज़र नहीं आता.
रिपोर्ट: कुलदीप कुमार, नई दिल्ली