शिपयार्ड से समंदर का सफर
बड़े बड़े जहाज शिपयार्ड में बनाए जाते हैं और फिर उन्हें लाया जाता है पानी में. ऐसा ही एक अत्याधुनिक जहाज क्वांटम ऑफ द सीज उत्तरी जर्मनी के मायर शिपयार्ड से निकला. तस्वीरों में देखें उसे पानी में कैसे उतारा गया.
खुला दरवाजा
जहाज ने 13 अगस्त को अपने शिपयार्ड से नाक बाहर निकाली. पापेनबुर्ग के मायर यार्ड के दरवाजे से धीरे धीरे इसे बाहर निकाला गया. यह जर्मनी में बना अब तक का सबसे बड़ा यात्री जहाज है.
आखिरी कटाई छंटाई
आने वाले हफ्तों में क्वांटम को मायर यार्ड में आखिरी रूप दिया जाएगा. इसे जर्मनी के शिपयार्ड में अमेरिका के रॉयल कैरेबियन इंटरनेशनल जहाजरानी कंपनी के लिए बनाया गया है. इसे पांच जहाजों ने मिलकर बाहर निकाला.
क्वीन मेरी से लंबा
कई महीनों और हफ्तों की लंबी मेहनत के बाद क्वांटम ऑफ द सीज तैयार हुआ है. यह फिलहाल दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यात्री जहाज है. 348 मीटर लंबाई वाला ये जहाज क्वीन मेरी द्वितीय से तीन मीटर लंबा है.
शानदार जहाज
इस जहाज में 18 डेक हैं और कुल 4,200 यात्री इसमें सफर कर सकते हैं. इतने बड़े जहाज को बाहर निकालना बड़ी कसरत है. एम्स से सागर तक की यात्रा लंबी है. खींचने वाले जहाजों की कुशलता जरूरी है.
प्रीमियर
सितंबर में ये जहाज उत्तरी सागर में उतरेगा. इसके लिए उसे एम्स नदी में उतारा जाएगा. इसकी पहली यात्रा दो नवंबर को ब्रिटेन के साउथैम्प्टन से अमेरिका के न्यू जर्सी की ओर शुरू होगी.
कैसे निकालेंगे
उत्तरी सागर तक पहुंचने के लिए एम्स नदी में पहले पानी बढ़ाना पड़ेगा ताकि जहाज का पेंदा जमीन से टकराए नहीं और उसके नीचे कम से कम एक हाथ पानी हो.
गोदी नगर
हैम्बर्ग और ब्रेमन जैसे कुछ बंदरगाह जर्मनी में हैं जहां बड़े मालवाहक और यात्री जहाज पहुंचते हैं. हैम्बर्ग में सामान बंदरगाह के पास के गोदामों में रखा जाता है. एल्बे के पानी में जब ज्वार आता है तो नावें सामान लेकर इन गोदामों में जाती हैं और पानी उतरने के पहले बाहर आ जाती थीं.
हैम्बर्ग बंदरगाह पर
अक्सर यात्री जहाज हैम्बर्ग में रुकते हैं. वहां समंदर से एल्बे नदी में आने और मुड़ने की प्रक्रिया काफी मुश्किल और समय लेने वाली होती है. क्वीन मेरी द्वितीय जहाज को एल्बे में मोड़ा गया था.