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शाल्के की शान

२१ अगस्त २००९

हो सकता है कि बायर्न म्युंचेन जर्मनी का सबसे सफल क्लब हो, लेकिन सबसे बेहतरीन स्टेडियम इस बीच शाल्के 04 का है. साथ ही इस क्लब को फ़ुटबॉल प्रेमियों का दिल का बादशाह कहा जाता है. 1904 में इस क्लब की स्थापना हुई थी.

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स्टार कोच फ़ेलिक्स मागाथतस्वीर: picture-alliance/ dpa

शाल्के 1934 में पहली बार बुंडेसलीगा चैंपियन बना था. तब से वह कुल मिलाकर सात बार चैंपियन बन चुका है. लेकिन हालांकि वह 1997 में उएफ़ा कप विजेता बना, पिछले चालीस सालों से उसे बुंडेसलीगा चैंपियनशिप नसीब नहीं हुई है. कई बार यह मिलते-मिलते रह गया है.

लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी अलग है. शाल्के ने बुंडेसलीगा के सबसे सफल कोच फ़ेलिक्स मागाथ को टीम की बागडोर सौंपी है. मागाथ के निर्देशन में पिछले सत्र में वोल्फ़्सबुर्ग अपने इतिहास में पहली बार चैंपियन बना था, और अब तक के दो खेलों में वह दो जीतों के बल पर वोल्फ़्सबुर्ग के साथ पहले स्थान पर है.

न्युर्नबर्ग पर 2-1 की पहली जीत के बाद कोच मागाथ बहुत ख़ुश नहीं दिख रहे थे - उनका कहना था कि चोटी की टीमों के साथ ऐसा खेल नहीं चलेगा, लेकिन बोखुम पर 3-0 की जीत के बाद उन्हें मानना पड़ा कि टीम अच्छा खेल रही है.

अपने 78 हज़ार से अधिक सदस्यों के साथ शाल्के 04 जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा क्लब है. सन 2001 से उसका नया आधुनिक वेल्टिन्स-आरेना स्टेडियम है, जहां सिर्फ़ 61,673 दर्शकों की गैलरी ही नहीं, बल्कि पानी बरसने पर पूरे मैदान को ढकते हुए खेल जारी रखने की व्यवस्था है.

फ़ेलिक्स मागाथ सिर्फ़ टीम के कोच ही नहीं, क्लब के मैनेजर भी हैं. उनकी योजना है कि टीम को एक लंबी टिकाऊ मज़बूती दी जाए.

शाल्के के फ़ैन्स बड़े भावुक होते हैं. इलाके के क्लब बोरोसिया डोर्टमुंड और बायर्न म्युंचेन को वे अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी समझते हैं, जबकि न्युर्नबर्ग और श्टुटगार्ट के फ़ैन्स के साथ उनकी दोस्ती है. लेकिन जब वे किसी मैच में प्रतिद्वंद्वी हों, तो यह दोस्ती कुछ समय के लिए मुल्तवी रखी जाती है.

लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एस जोशी