शर्मिंदगी और सुलह
ऑस्ट्रेलिया के आदिवासियों को लगता है कि उनके राजनीतिक हितों की अनदेखी होती है. मूल निवासियों अबोरिजिनों के साथ भेदभाव पर ध्यान दिलाने के लिए 1998 से वहां मई के अंत में राष्ट्रीय सॉरी दिवस मनाया जा रहा है.
राष्ट्रीय सॉरी दिवस
ऑस्ट्रेलिया में 1998 से नेशनल सॉरी डे मनाया जाता है. 26 मई 1997 को महाधिवक्ता माइकल लावार्च ने संसद में एक जांच रिपोर्ट पेश की जिसमें आदिवासियों के बच्चों का व्यापक तौर पर अपहरण किए जाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई थीं. उसी के बाद शर्मिंदगी दिवस की शुरुआत हुई.
मानवीयता या नस्लवाद
1909 से 1969 के बीच सरकारी संस्थानों और गिरजों ने अबोरिजिन समुदाय के 100,000 बच्चों का अपहरण कर लिया ताकि उनका श्वेत मूल्यों के आधार पर पालन पोषण किया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार इसके पीछे दलील यह थी कि इसी तरह से निम्न नस्ल को खत्म होने से बचाया जा सकेगा.
अपराध की स्वीकारोक्ति
लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद भी दस साल लग गए जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री केविन रड ने अपनी सरकार के नाम पर दशकों से हो रहे मानवाधिकार हनन के लिए माफी मांगी. उनके पूर्वगामी सरकार प्रमुखों ने इसे यह कहकर ठुकरा दिया था कि वे इस अन्याय के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
राष्ट्रीय सुलह सप्ताह
राष्ट्रीय सॉरी दिवस के अगले दिन राष्ट्रीय मेलमिलाप सप्ताह शुरू होता है. सिडनी में कूगी समुद्र तट पर इस साल कोरोबोरी समारोह. आदिवासियों के इस परंपरागत समारोह में नृत्य, संगीत और गाने के कार्यक्रम होते हैं. समारोहों की शुरुआत और अंत में आदिवासी नीति में बदलाव के दो अहम दिनों को याद किया जाता है.
अबोरिजिनों को समानता
27 मई 1967 को ऑस्ट्रेलिया ने यह फैसला किया कि क्या चुनाव क्षेत्रों के सीमांकन में आदिवासियों की संख्या पर ध्यान दिया जाना चाहिए. बहुमत श्वेत मतदाताओं के 91 फीसदी ने इसका समर्थन किया. जनमत संग्रह ने अबोरिजिनों और टोरेस स्ट्रेट के निवासियों को विशेष अधिकार देने का भी फैसला किया.
आदिवासियों को मान्यता
सुलह सप्ताह का अंत 3 जून को होता है. इस दिन माबो मामले के फैसले की याद मनाई जाती है, जिसमें 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि आदिवासियों का अपने इलाकों पर पुराना अधिकार होगा, न कि यूरोप से आए आप्रवासियों का. पहली बार अदालत ने माना कि यूरोपियनों के आने से पहले वहां स्थानीय निवासी रहते थे.
आदिवासियों का अपना झंडा
राष्ट्रीय सुलह सप्ताह के मौके पर हर कहीं ऑस्ट्रेलिया के तीन झंडे दिखते हैं. 1995 में सरकार ने अबोरिजिनों और टोरेस जलडमरूमध्य के निवासियों के झंडे को भी औपचारिक झंडों के रूप में मान्यता दे दी. टोरेस द्वीपों के निवासी जातीय तौर पर अबोरिजिनों के मुकाबले पापुआ न्यूगिनी के निवासियों के अधिक करीब हैं.
सब साथ साथ
सुलह सप्ताह के सभी आयोजन एक गैर सरकारी संस्था 'रीकंसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया' कराती है. उसका लक्ष्य है संवाद और सलाह के जरिए देश के आदिवासियों और यूरोपीय मूल के लोगों के रिश्तों को बेहतर बनाना. इस समारोह में कोई भी हिस्सा ले सकता है और किसी मुद्दे पर आयोजन कर सकता है.