विमान अपहरण को यात्रियों ने किया नाकाम
६ जनवरी २०११इस्तांबुल पहुंचने से एक घंटा पहले दक्षिण पूर्वी अनातोलिया के कुर्दिश गांव में रहने वाला यासर कूमा कॉकपिट में चला गया और उसने बोइंग 737-800 को वापस ओस्लो ले जाने की मांग की. उसने अपने पास बम होने का भी दावा किया.
लेकिन 40 वर्षीय कूमा को तुर्की और नॉर्वे के यात्रियों ने काबू में कर लिया. इसके बाद विमान सुरक्षित इस्तांबुल के अतातुर्क हवाई अड्डे पर उतरा. स्थानीय मीडिया ने कहा है कि संदिग्ध को विमान पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ. पुलिस ने कूमा के साथ पूछताछ के बाद पाया कि वह मनोरोग का शिकार है.
एक यात्री सलीम तहार ने नॉर्वे के टेलीविजन चैनल को बताया, "हम उतरने से 50 मिनट दूर थे जबकि मैंने विमान के पिछले हिस्से में बहुत शोर शराबा सुना. मैं पीछे मुड़ा तो वहां एक आदमी था, जिसका चेहरा ढका हुआ था, उसने एक टोपी पहन रखी थी और उसके कपड़े काले थे. दरअसल वह आतंकवादी जैसा लगता था." तहार ने कहा कि उस आदमी के बदन से एक चीज बंधी थी लेकिन वह बम था या नहीं कहना मुश्किल है.
इस्तांबुल पहुंचने पर यात्री जल्दी जल्दी विमान से बाहर निकले जबकि पुलिस ने विमान पर आकर कूमा को गिरफ्तार कर लिया. तहार ने कहा कि लोग बहुत डरे हुए थे, कुछ क्रॉस का निशान बना रहे थे तो दूसरे प्रार्थना कर रहे थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार