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लौटेंगे एयर इंडिया के अच्छे दिनः रवि

१५ अक्टूबर २०११

नागरिक विमानन मंत्री व्यालार रवि ने माना है कि खराब प्रबंधन की वजह से एयर इंडिया घाटे का शिकार है. लेकिन इसे पटरी पर लाने की कोशिश हो रही है और जल्द अच्छे दिन लौटेंगे. डॉयचे वेले से खास बातचीत.

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तस्वीर: DW

इस हफ्ते बर्लिन आए प्रवासी भारतीय मामलों और नागरिक विमानन मंत्री व्यालार रवि ने भारतीय दूतावास में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की. रवि ने जर्मनी से भारत के रिश्तों की प्रगति और यहां रहने वाले भारतीय और भारतीय मूल के लोगों के योगदान को खुल कर सराहा. पढ़िए व्यालार रवि से खास बातचीतः

भारत और जर्मनी के रिश्तों को 60 साल पूरे हो गए हैं. आप इन वर्षों के दौरान दोनों देशों के रिश्तों को कैसे देखते हैं?

मुझे लगता है कि रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं जवाहर लाल नेहरू के दिनों से ही. तब यहां चांसलर (कॉनराड) आडेनाउर हुआ करते थे. तभी से रिश्ते बहुत अच्छे हैं और हम इन्हें आगे ले जा रहे हैं. जर्मन कंपनियां भी इसके लिए काम कर रही हैं. सीमेंस कंपनी को वहां काम करते हुए 100 साल से ज्यादा हो गए हैं. खास कर जब मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया, तब से बहुत निवेश बढ़ा है. अर्थव्यवस्था के खुलने से अवसर बढ़े हैं. हमारी जर्मन निवेशकों से गुजारिश है कि इन अवसरों का फायदा उठाइए, भारत आइए. यहां भी बहुत भारतीय हैं. हम जर्मनी में कहीं ज्यादा निवेश कर रहे हैं.

Vayalar Ravi
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भारत में इस साल 'जर्मन साल' मनाया जा रहा है. अगले साल जर्मनी में भारतीय दूतावास भी 'भारत के दिन' नाम से आयोजन करने जा रहा है. इस तरह की गतिविधियों से संबंधों में क्या योगदान देती हैं?

इस तरह के आयोजन सरकारों के बीच नहीं, बल्कि लोगों के बीच रिश्तों को बेहतर बनाते हैं. इसलिए लोगों के बीच रिश्तों पर हम हमेशा जोर देते हैं. यहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को मेरी सलाह है कि यहां आप इस देश के नागरिक हैं. आपकी पहली वफादारी इस देश से होनी चाहिए. लेकिन आपके अंदर की भारतीयता आपकी भारत से नजदीकी बनाए रखती है.

विदेश में रहने वाले भारतीय या फिर भारतीय मूल के लोग कैसे भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं?

हर कोई योगदान दे रहा है. बहुत से भारतीय वहां आकर निवेश कर रहे हैं और हम इसका स्वागत करते हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए शुरू में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए बहुत ही मददगार कदम उठाए.

विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की दूसरी पीढ़ी को अपने माता पिता के देश से जोड़ने के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा रही है?

इसीलिए सांस्कृतिक कार्यक्रम चलाए जाते हैं. भारतीय संस्कृति और भाषा, भारतीयों के लिए अपनी मातृभूमि से जुड़ने का सबसे बड़ा जरिया है. नई पीढ़ी को भी इस तरफ ध्यान देना होगा. हम इसे सब जगह बढ़ावा दे रहे हैं. प्रवासी भारतीय दिवस भी इसी की कड़ी है. लेकिन भाषा और संस्कृति सबसे बड़ा जरिया हैं.

Vayalar Ravi
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वीजा दोनों देशों के बीच समस्या रहा है. यहां तक कि कुछ जर्मन भी भारतीय वीजा के कड़े नियमों की बात करते हैं. क्या उससे लोगों के बीच के संपर्क और आना जाना प्रभावित होता है?

ऐसी कोई बात नहीं है. हम किसी भी दूसरे देश की तरह वीजा देते हैं. ये आवेदन पत्र पर निर्भर करता है कि किस तरह उसे भरा गया है. इस मामले में किसी देश या समुदाय के प्रति कोई भेदभाव नहीं किया जाता है.

भारतीय दुनिया भर में रहते हैं. नागरिक विमानन मंत्री के नाते आप बताएंगे कि क्यों एयर इंडिया वास्तविक मायनों में इंडियन कैरियर नहीं बन पाया है?

एयर इंडिया, इंडियन कैरियर है, वास्तविक मायनों में. लेकिन वह घाटे में चल रही है. अब मैं उसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा हूं ताकि एयर इंडिया की गरिमा वापस लाई जा सके. अभी हम दुनिया के 50 शहरों के लिए सेवाएं देते हैं. मैं कुछ समय बाद इनकी संख्या बढ़ाना चाहता हूं.

क्या इस वजह से घाटा है, क्योंकि भारतीय लोग दूसरी एयरलाइंसों में सफर करते हैं?

नहीं, इसकी वजह यह नहीं है. प्रबंधन में समस्याएं हैं. इसकी वजह से ऐसा हुआ है. आपको यह बात समझनी होगी कि एयर इंडिया के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों की मांग को पूरा करना असंभव है. घरेलू एयरलाइंस अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. एयर इंडिया भी अच्छा कर रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयर इंडिया कई जगहों पर नहीं जा रही है, तो दूसरी उड़ानें लोगों को वहां ले जा रही हैं. हमारे मुसाफिर भारतीय लोग हैं और वे दुनिया भर में जाते हैं. तो मेरी और भारतीय सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें सुविधाएं दी जाएं. सिर्फ एयर इंडिया ही नहीं, विदेशी एयरलाइंस भी आएं और उड़ान भरें. यह फैसला सरकारों के बीच होता है. उनकी दस उड़ानें हैं तो हमारी भी इतनी ही होंगी.

आपने कहा कि प्रबंधन में कुछ समस्याएं हैं, तो क्या आपने उनसे निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं?

हां, मैंने कई सुधार किए हैं. मैंनेजमेंट में बदलाव किए हैं और आगे भी हो रहे हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है. एयर इंडिया में नया चैयरमैन मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) आया है. नए निदेशक नियुक्त किए गए हैं. हम बराबर चर्चा करते हैं कि कौन से रूट फायदे वाले हैं और किन पर हमें ज्यादा उड़ानें देनी चाहिए. विस्तार से बात होती है. दूसरी बातें नहीं बताऊंगा, वे ट्रेड सीक्रेट्स हैं.

इंटरव्यूः अशोक कुमार, बर्लिन से

संपादनः वी कुमार

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