लो आ गया कार्निवल
यह साल का वह समय है जब जर्मनी में कार्निवल की शुरुआत का एलान होता है. इस साल का जश्न शुरू हो चुका है...
कोलोन के मशहूर कैथीड्रल के सामने कार्निवल प्रेमियों ने कार्निवल की शुरुआत कुछ इस अंदाज में मनाई. कोलोन जर्मनी में कार्निवल का सबसे बड़ा ठिकाना है.
कार्निवल के उद्घाटन के लिए ड्युसलडॉर्फ शहर का स्थानीय जोकर होपेडित्स खास आकर्षण रहा. होपेडित्स मुख्य बाजार में रखे एक बड़े से बर्तन से निकला और उसने अपने चिर परिचित अंदाज में लोगों को संबोधित किया.
कार्निवल के नए सत्र में ब्राउनश्वाइग के मेयर उलरिख मारकुर्थ इंचार्ज नहीं रहेंगे. 11 नवंबर को उन्होंने उद्घाटन के साथ ही कार्निवल की प्रतीकात्मक चाबी कार्निवल सोसाइटी के अध्यक्ष युर्गेन बूखहाइस्टर को सौंपी.
कार्निवल है तो नाच गाना तो होगा ही. हर हफ्ते नई पोशाक, नया अवतार और कुछ खास पेशकश. पूर्व जर्मनी में कार्निवल का अहम अड्डा है ब्रांडनबुर्ग का कॉटबुस शहर.
मजाकिए ही सही लेकिन कुछ कायदे कानून तो कार्निवल के भी होते हैं. 11:11 बजते ही कार्निवल के प्रारंभ की घोषणा हुई और इसके साथ ही माइंज कार्निवल क्लब के अध्यक्ष रिचर्ड वाग्नर ने नियम पढ़कर सुनाए.
नीदरलैंड्स की बैगनी परियां पिछले दस सालों से हर बार कार्निवल के लिए कोलोन आती हैं. इस साल वे जर्मन शहर माइंज पहुंचीं जहां पहली बार कार्निवल मनाया जा रहा है.
कार्निवल प्रेमियों को न तो ठंडी हवाएं और न बरसात ही मौजमस्ती से दूर रख सकती है. कोलोन के आल्टर मार्क्ट इलाके में जश्न मनाते ऐसे ही दीवाने.
ये दोनों चाहते हैं कि वे इस पोशाक में पूरा कार्निवल निकाल दें. इसलिए बारिश से तो कपड़ों को बचाकर रखना पड़ेगा. पोशाक खुद से तैयार की हुई हो या बाजार से खरीदी हुई, लोग कोशिश करते हैं कि मध्य फरवरी यानि कार्निवल के अंत तक पोशाक जरूर साथ दे.
जहां तक कपड़ों और मेकअप की बात है, कोई किसी से पीछे नहीं रहता.