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लीबिया में संघर्ष तेज, दो पत्रकारों की मौत

२१ अप्रैल २०११

लीबिया में गद्दाफी के सैनिकों पर हवाई हमले से पहले नाटो वहां के लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की चेतावनी दे रहा है. इस बीच दो मशहूर फोटोग्राफर लीबिया की जंग में मारे गए हैं.

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टिम हेतरिंगटनतस्वीर: dapd

लीबियाई अधिकारियों के मुताबिक पश्चिमी देशों के गठबंधन वाले हवाई हमले में अब तक सात आम नागरिक मारे गए हैं और 18 घायल हैं. हमला त्रिपोली के दक्षिण पश्चिमी इलाके पर किया गया. नाटो के जनरल चार्ल्स बूशार ने ब्रसेल्स से जारी एक बयान में कहा, "हमारे रणनीतिकार और पायलट हर तरह से कोशिश करते हैं कि हवाई हमलों में आम जनता को नुकसान न पहुंचे. लेकिन इस खतरे को बिलकुल खत्म नहीं किया जा सकता." जनरल बूशार ने कहा कि आम जनता नाटो सुरक्षा बलों की मदद कर सकती है और हो सके तो गद्दाफी के सैनिकों से दूर जाने की कोशिश कर सकती है.

Libyen Misrata Fotograf Chris Hondros
क्रिस होंड्रोसतस्वीर: picture alliance / dpa

पैरिस में लीबिया के विद्रोही नेता मुस्तफा अब्दुल जलील ने कहा कि विद्रोही उम्मीद कर रहे हैं कि पश्चिमी देश गद्दाफी के सैनिकों के खिलाफ "बड़े हमले करें." उन्होंने कहा, "हमें यकीन है कि गद्दाफी को कभी न कभी अपदस्थ किया जा सकेगा लेकिन हम चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द हो जाए...गद्दाफी जितने दिन रहेंगे, उतना ज्यादा खून बहेगा."

पत्रकारों की मौत

इस बीच विद्रोहियों के नियंत्रण में आए मिसराता में दो मशहूर फोटो पत्रकारों की मौत हो गई है. इनमें से एक हैं टिम हेतरिंगटन, जो ब्रिटेन के नागरिक थे. उनकी फिल्म को ऑस्कर के लिए नामांकित भी किया गया था. हेतरिंगटन को अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के बारे में रिपोर्टिंग के लिए 2007 का वर्ल्ड प्रेस फोटो अवॉर्ड मिला था. हेतरिंगटन और उनके साथी क्रिस होंड्रोस दोनों एक ही बारूदी सुरंग हमले का निशाना बने. घायल होंड्रोस को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी वहीं मौत हो गई. होंड्रोस भी एक मशहूर फोटोग्राफर थे. वे अमेरिकी पत्रिका वैनिटी फेयर के लिए काम कर रहे थे. इनके अलावा, दो और फोटोग्राफर, गाइ मार्टिन और माइकल ब्राउन हमले में घायल हो गए.

अमेरिका देगा मदद

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लई ने बताया कि लीबिया में गद्दाफी के सैनिक लगातार क्लस्टर बमों और भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. विद्रोही सैनिकों ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि गद्दाफी के खिलाफ युद्ध में वे अपने थल सैनिकों को लीबिया भेजें. हालांकि फ्रांस और इटली ने इससे मना किया है, लेकिन लीबिया में उनके सैनिक सलाहकार विद्रोहियों की मदद कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका अपने सैनिक सलाहकार लीबिया नहीं भेजना चाहता. इस बीच अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि ओबामा विद्रोहियों को दो करोड़ 50 लाख डॉलर की मदद देना चाहते हैं. इस मदद में हथियार शामिल नहीं हैं. क्लिंटन ने कहा कि यह मदद अमेरिका के सरकारी भंडार से आ रहा है. क्लिंटन के मुताबिक इस मदद से संघर्ष को खत्म करने में आसानी हो सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः एन रंजन

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