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लीबिया में नाटो देशों के दूतावासों पर हमले

१ मई २०११

ब्रिटेन ने त्रिपोली में अपने दूतावास पर हमले के बाद लीबियाई राजदूत को अपने यहां से निकाल दिया है. इटली ने भी त्रिपोली में अपने दूतावास पर हमले की निंदा की. संयुक्त राष्ट्र के विदेशी कर्मचारी त्रिपोली छोड़ रहे हैं.

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तस्वीर: AP

ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने रविवार को कहा, "विएना समझौते के मुताबिक गद्दाफी शासन को त्रिपोली में दूतावासों की रक्षा करनी चाहिए. ऐसा न करके गद्दाफी ने एक बार फिर अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को ठुकराया है." हेग ने कहा कि उनके दूतावास पर हमले की वजह से ब्रिटेन से लीबिया के राजदूत निकाला जा रहा है. राजदूत से कहा गया है कि उन्हें 24 घंटों के अंदर ब्रिटेन छोड़ना होगा. हेग ने ब्रिटिश दूतावास के अलावा बाकी देशों के दूतावासों पर हमलों की भी निंदा की है.

Libyen Gaddafi Saif al-Arab NO FLASH
नाटो हमले से नष्ट हुआ गद्दाफी का घरतस्वीर: AP

'गंभीर और क्रूर कार्रवाई'

इटली ने अपने दूतावास पर गद्दाफी के सैनिकों के हमलों को एक 'गंभीर और क्रूर' कार्रवाई कहा. इटली की सरकार ने कहा कि गद्दाफी सरकार अपनी बुनियादी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाने में विफल रही है. इटली के विदेश मंत्रालय के एक बयान कहा गया है कि लीबिया की राजधानी त्रिपोली में उनके दूतावास को नुकसान पहुंचा है. मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक इस सिलसिले में और जानकारी नहीं है लेकिन एक चश्मदीद ने इमारत से धुआं निकलते हुए देखा है.

त्रिपोली छोड़ेगा संयुक्त राष्ट्र

इस बीच त्रिपोली में अशांति के चलते संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी वहां से बाहर निकल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र राहत समन्वय संस्था (ओसीएचए) की प्रवक्ता स्टेफनी बंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र त्रिपोली छोड़ने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय कर्मचारियों पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र ने राहत कार्यों के लिए त्रिपोली में विदेशी लोग भेजे थे. बंकर ने कहा कि लीबिया के दूसरे बड़े शहर बेनगाजी में उनके दफ्तर में कोई बदलाव नहीं होंगे.

शनिवार की रात एक नाटो हमले में गद्दाफी के बेटे सैफ अल-अरब और उनके तीन पोते मारे गए थे. लीबिया की सरकार ने कहा है कि नाटो सीधे तौर पर गद्दाफी को निशाना बना रहा था. नाटो और लीबिया के खिलाफ गठबंधन में देशों ने इससे इनकार किया है लेकिन माना जा रहा है कि बदला लेने के लिए गद्दाफी अब दूतावासों को निशाना बना रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार