लीक के बाद मुक्त व्यापार संधि खतरे में
३ मई २०१६समझौते पर चल रही बातचीत की बागडोर यूरोपीय संघ के हाथों में है. इस बीच यूरोपीय आयोग के नेतृत्व को इस पर संदेह है कि अब समझौते पर सहमति बन पाएगी. फ्रांस ने वार्ता टूटने की संभावना से इंकार नहीं किया है. यूरोपीय संघ के एक प्रमुख प्रतिनिधि ने जर्मन दैनिक ज्युड डॉयचे साइटुंग को बताया है कि अमेरिकी सरकार इस साल समझौते के लिए जरूरी लचीलापन नहीं दिखा रही है. अमेरिका के अलावा जर्मनी और फ्रांस में होने वाले चुनावों के कारण वार्ता में दिसंबर 2017 तक आए विराम के कारण वार्ता को फिर जिंदा करना मुश्किल होगा. अंत में राष्ट्रीय संसदों को समझौते का अनुमोदन करना होगा.
यूरोपीय संसद की व्यापार संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख बैर्न्ड लांगे ने शिकायत की है कि हालांकि तीन साल से बातचीत चल रही है लेकिन अभी भी "अधिकतम मांग एक दूसरे के सामने हैं." उन्होंने कहा कि कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं जिसकी वजह से दिसंबर तक सहमति नहीं हो पाएगी. सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पार्टी सीएसयू के यूरोपीय सांसद मानफ्रेड वेबर ने कहा है कि यूरोपीय संसद उपभोक्ता अधिकारों में कटौती को मंजूरी नहीं देगी.
टीटिप के लिए प्रभारी फ्रांसीसी राज्यमंत्री मथियास फेक्ल ने कहा है कि बातचीत को रोकना इस समय सबसे ज्यादा संभव विकल्प लगता है. इसके पहले फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने समझौते में पर्यावरण और कृषि के लिए गारंटी नहीं होने पर विरोध करने की घोषणा की.
आलोचकों का कहना है कि ट्रांस अटलांटिक मुक्त व्यापार समझौते से पर्यावरण और उपभोक्ता सुरक्षा मानकों में गिरावट आएगी और जीन संवर्धित कृषि उत्पाद यूरोपीय बाजार में आ जाएंगे. इसके विपरीत समर्थकों का मानना है कि इससे दोनों पक्षों में कारोबार में तेजी आएगी. नियोक्ता संघ के प्रमुख इंगो क्रेमर का कहना है कि टीटिप आने वाले समय के लिए विश्व व्यापार में ट्रांस अटलांटिक हितों की रक्षा का संभवतः आखिरी मौका है.
पर्यावरण संगठन ग्रीनपीस ने सोमवार को वार्ता से जुड़े कई सारे गोपनीय दस्तावेजों को लीक कर दिया था और उन्हें आम लोगों की जानकारी के लिए इंटरनेट में डाल दिया था. इसमें विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के परस्पर विरोधी रुख शामिल हैं. ग्रीनपीस की शिकायत है कि अमेरिका समझौते के जरिये यूरोपीय सुरक्षा मानकों को खत्म करना चाहता है.
एमजे/आरपी (डीपीए, एएफपी)