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लांस से मिलने को बेताब युवराज

Priya Esselborn८ फ़रवरी २०१२

भारत के चैंपियन क्रिकेटर युवराज सिंह कैंसर से लड़ते हुए अमेरिकी साइक्लिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग से जबरदस्त प्रभावित हैं. युवी आर्मस्ट्रांग से मिलना चाहते हैं, उनकी किताब पढ़ रहे हैं और लांस ने युवी को शुभकामनाएं भी दीं.

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epa03090936 (FILE) US cyclist Lance Armstrong from team Radioshack smiles during the second stage of the Tour de Suisse cycling race, near Ascona, Switzerland, 13 June 2010. After a nearly two year investigation, the US attorney's office in Los Angeles, USA, announced on 03 February 2012 that it has closed the case and would not bring charges related to doping against the champion cyclist and his teammates. EPA/JEAN-CHRISTOPHE BOTT epa02666530 Indian cricketer Yuvraj Singh poses with the man of the match trophy after beating Sri Lanka in the final match of the ICC Cricket World Cup 2011 at the Wankhede Stadium in Mumbai, India, 02 April 2011. India won by 6 wickets with 10 balls remaining to win the World Cup for the first time since 1983. EPA/DIVYAKANT SOLANKI
Kombobild Lance Armstrong Yuvraj Singhतस्वीर: picture-alliance/dpa/DW

अमेरिका में कीमोथेरेपी के लिए गए युवराज ने दो तीन दिन बाद ट्विटर से नाता जोड़ लिया. उन्होंने ट्वीट किया कि जिस तरह से भारत में लोग उनके लिए दुआएं कर रहे हैं, वह उससे बेहद प्रभावित हैं. उन्होंने सबको शुक्रिया अदा किया और लिखा, "लोगों ने जो प्यार और सहारा दिया है, उससे मैं अभिभूत हूं. मैं तहे दिल से शुक्रगुजार हूं. ये मुझे ठीक करेगा."

युवी ने वादा किया कि वह मजबूत होकर लौटेंगे, "मुझे सबसे अच्छा इलाज मिल रहा है. मैं लड़ूंगा और ज्यादा मजबूत इंसान बन कर लौटूंगा क्योंकि मेरे राष्ट्र के लोगों की दुआएं मेरे साथ हैं."

Indien Yuvraj Singh Cricket
धुआंधार बल्लेबाज युवराजतस्वीर: dapd

लांस से मिलने की हसरत

कैंसर के अचानक हमले से परेशान युवराज को अमेरिकी साइक्लिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग से प्रेरणा मिल रही है. युवी ने लिखा, "शुरू में मैं बहुत गुस्साया और झुंझलाया हुआ था. मैं पछता रहा था और यह भी सोच रहा था कि क्या जीवन में कुछ अलग कर सकता था." लेकिन एक सलाहकार ने आरंभिक सदमे से उबरने में उनकी मदद की और 40 साल के अमेरिकी साइक्लिस्ट आर्मस्ट्रांग ने उन्हें प्रेरणा दी. युवराज उनकी किताब इट्स नॉट अबाउट द बाइक पढ़नी शुरू कर दी है और वह आर्मस्ट्रांग से मिलना चाहते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "मैं आर्मस्ट्रांग से मिलना चाह रहा हूं."

पिछले दशक में लांस आर्मस्ट्रांग ने कैंसर से जिस तरह का संघर्ष किया है, वह खिलाड़ियों के लिए मिसाल है. दुनिया की सबसे मुश्किल साइकिल रेस टूअर डी फ्रांस को रिकॉर्ड सात बार जीतने वाले आर्मस्ट्रांग ने बरसों कैंसर से लड़ाई की है और उनका मानना है कि उन्होंने जीत हासिल कर ली है.

युवराज सिंह उनसे मिलना चाह रहे हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर दोनों में संपर्क स्थापित हो चुका है और लांस आर्मस्ट्रांग ने युवराज सिंह को शुभकामनाएं दी हैं. आर्मस्ट्रांग से जब ट्विटर पर उनके एक फॉलोअर ने युवराज से मिलने की गुजारिश की, तो आर्मस्ट्रांग ने ट्वीट किया, "गो युवराज." समझा जाता है कि अमेरिका में रहते हुए युवी और आर्मस्ट्रांग की मुलाकात हो सकती है.

Lance Armstrong
साइकिल चैंपियन आर्मस्ट्रांगतस्वीर: picture-alliance/dpa

सबसे बड़ा चैंपियन

साइक्लिंग को दुनिया भर में मशहूर करने में लांस आर्मस्ट्रांग से बड़ा कोई नाम जहन में नहीं आता. पहली बार टूअर डी फ्रांस में हिस्सा लेने के फौरन बाद 1996 में उन्हें कैंसर होने का पता चला. लांस ने अंडाशय के कैंसर से लड़ने का फैसला किया और अमेरिका में उनका इलाज शुरू हुआ. करीब दो साल में भारी भरकम कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के बाद उन्होंने कैंसर पर काबू पा लिया. आर्मस्ट्रांग ने बाद में अपनी किताब में जिक्र किया है कि कभी वह पचासों किलोमीटर साइकिल चलाने में नहीं थकते थे. लेकिन इलाज के बाद दो किलोमीटर साइकिल चलाना भी उनके लिए संभव नहीं था. लेकिन उन्होंने अपनी मां और पत्नी की मदद से ट्रैक पर वापसी की.

इसके बाद वह साइकिल ट्रैक पर लौट आए. उन्होंने 1999 में पहली बार फ्रांस की टूअर डी फ्रांस रेस जीती और फिर 2005 तक उन्हें कोई दूसरे नंबर पर नहीं धकेल पाया. लांस आर्मस्ट्रांग की पहचान दुनिया के सबसे जुझारू खिलाड़ी के तौर पर होने लगी. उन्हें दुनिया भर के अवार्ड मिलने लगे और कैंसर से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए वे प्रेरणा बन गए. इसी दौरान उन्होंने एक किताब लिखी इट्स नॉट अबाउट द बाइकः माई जर्नी बैक टू लाइफ. किताब जबरदस्त हिट रही. बेहद भावनात्मक लहजे में लिखी इस किताब में आर्मस्ट्रांग ने अपनी निजी परेशानियों का भी जिक्र किया और कैंसर से लड़ने की अपनी कहानी का भी. युवराज को इन दिनों यही किताब प्रेरणा दे रही है.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः महेश झा

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