लव गुरु बने मंदिरा और कौशल
२७ जुलाई २०१०जल्द ही मंदिरा और राज दिल्ली वालों को दिल के बारे में ज्ञान बांटेंगे. ये राज वे बिग एफ एम रेडियो के थोड़ा पर्सनल कार्यक्रम में देंगे.
निर्माता निर्देशक राज कौशल का मानना है कि वैवाहिक जीवन में रोमांस के अलावा भी बहुत कुछ होता है. राज कहते हैं, "संवेदना और साथी के लिए आदर अगर हो, तो इससे जीवन में जादू पैदा हो जाता है. आज के जीवन में इतना तनाव है. जितना समय नौकरी को देना पड़ता है, उतना ही संबंधों को भी. इसलिए ऐसे लोगों का होना जरूरी है जो ये कहें कि हम इन हालात से गुजर चुके हैं, हम आपको बता सकते हैं. इसीलिए हम सीन में आए हैं."
राज का कहना है, "सबसे बढ़िया फार्मूला है मुस्कुराओ और सुनो, अपने साथी को दिन भर मुस्कान दो और उसे सुनो. अगर आपका दिन मुश्किल था और आप तेवर के साथ घर में घुसते हैं तो आप अपने साथी को एक तरह से परेशान कर रहे हैं क्योंकि उसने दिन भर आपका इंतजार किया है. इसलिए मुस्कान के साथ घर में आइए और शायद ऐसा कुछ कहिए कि मेरा दिन आज बहुत बुरा सा था लेकिन अब तुम्हें देख कर इतना अच्छा लग रहा है."
मंदिरा बेदी मानती हैं कि वह बहुत अधीर हो जाती हैं. उनके साथ रहने में उनके पति के संयम का बहुत बड़ा रोल है. वह कहती हैं, "वह शांति से सुनते हैं और इसलिए हमारी शादी भी इतनी अच्छे से चल रही है. मुझे ऐसा लगता है कि एक शादी में दोनों एक जैसे नहीं हो सकते, क्योंकि यह फिर काम ही नहीं करेगी. दोनों को एक दूसरे को बैलेंस करना होता है. मुझे लगता है कि हम इतने साल इसीलिए साथ साथ हैं क्योंकि उनके पास बहुत संयम है और मेरे पास बिलकुल नहीं."
यह पूछने पर कि क्या राज लड़ाई नहीं करते, मंदिरा ने कहा,"वह लड़ते हैं, कई बार आपा खो देते हैं या किसी बात से उन्हें परेशानी होती है लेकिन वैसे उनका स्वभाव शांत है." आखिर मंदिरा को राज में क्या सबसे अच्छा लगता है. वह कहती हैं, "मुझे अच्छा लगता है कि वह दूसरों की मदद करते हैं, चाहे जो भी मामला हो. उनका दिल बहुत अच्छा है और वह अच्छे कर्मों में विश्वास रखते हैं. ऐसे लोग आज की दुनिया में कहां मिलते हैं. मैं बहुत किस्मत वाली हूं."
दोनों परिवार बढ़ाने की तमन्ना रखते हैं. राज कहते हैं, "बेबी होना बहुत अच्छा है. हमारा इरादा है परिवार पूरा करने का." वहीं मंदिरा सोचती हैं कि ये तभी होगा, जब होना होगा.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार